जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

विद्यार्थियों का शैक्षिक भ्रमण: रानी दुर्गावती संग्रहालय, जबलपुर

जबलपुर दर्पण । शासकीय महाविद्यालय बरगी द्वारा शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया, जिसमें इतिहास विषय के विद्यार्थियों को रानी दुर्गावती संग्रहालय, भवरताल जबलपुर में ले जाया गया। यह भ्रमण प्राचार्य डॉ. पदमा माहेश्वरी के मार्गदर्शन में हुआ, और इस यात्रा का नेतृत्व इतिहास की सहायक प्राध्यापिका डॉ. अमिता सिंह तथा हिंदी साहित्य की सहायक प्राध्यापिका डॉ. सुनीता कुजुर ने किया। डॉ. अमिता सिंह ने विद्यार्थियों को जबलपुर के ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराते हुए बताया कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। यहाँ मौर्य, शुंग, सातवाहन, शक, और कुशाणों का शासन रहा है। विशेष रूप से अशोक के लघु शिलालेख, रूपनाथ अभिलेख, सातवाहन शिलालेख, और गुप्तकालीन ताम्रपत्र लेख जैसे महत्वपूर्ण अभिलेख यहाँ मिले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि त्रिपुरा के कलचुरी शासकों ने यहाँ मंदिर और मूर्तियाँ बनवायीं। इसके अतिरिक्त, बिलहरी, कारी तलाई, तिगवान, तेवर और भेड़ाघाट कला के प्रमुख केंद्र रहे हैं। संग्रहालय भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने संग्रहालय के दो मंजिलों का निरीक्षण किया। शिव दीर्घा, वैष्णव दीर्घा, जैन दीर्घा, सूचकांक दीर्घा, उत्खनन दीर्घा, शिलालेख, सिक्के, आदिवासी कला, और बगीचे में प्रदर्शित मूर्तिकला को ध्यान से देखा और समझा। डॉ. अमिता सिंह ने विद्यार्थियों को प्राचीन सिक्कों के बारे में भी बताया, जिसमें तांबे और चांदी के सिक्के जैसे कुशान, गुप्त, इंडो-सेसियन, नाग, कलचुरी, मुगल, ब्रिटिश और सिंधिया कालीन सिक्के प्रदर्शित हैं। आदिवासी गैलरी में गोंड और बैगा जनजातियों की संस्कृति को प्रदर्शित किया गया था, जिसे विद्यार्थियों ने बहुत रुचि से देखा और जाना। इस शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से विद्यार्थियों को न केवल ऐतिहासिक जानकारी मिली, बल्कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और कला के विभिन्न पहलुओं को भी समझा। इस कार्य में महाविद्यालय के क्रीड़ा अधिकारी विशाल यादव, कर्मचारी रवि रजक, बृजेश कुमार और कमलेश मेहरा की विशेष भूमिका रही, जिनकी मदद से यह भ्रमण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से विद्यार्थियों को एक महत्वपूर्ण शैक्षिक अनुभव प्राप्त हुआ और वे ऐतिहासिक धरोहरों से अवगत हो सके।

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