सभी कर्मचारी संघर्ष के लिए तैयार रहें।
शुरू हुआ रक्षा फैक्ट्रियों के कारपोरेटाईजेशन का विरोध।
जबलपुर – प्राइवेटाइजेशन कहे निगमीकरण या फिर कॉरपोरेटाइजेशन मतलब सभी का एक है कार्य की गुणवत्ता और कमर कर्मचारी हितों से समझौता। कुछ ऐसी ही आशंकाओं से घिरी रक्षा उत्पादन फैक्ट्रियों से जुड़े सभी कर्मचारी संगठनों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक संपन्न हुई। सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के विरोध हेतु सभी कर्मचारियों को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान कर्मचारी नेताओं द्वारा किया गया है।
ऑल इंडिया डिफेंस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक जी ने बताया कि आज दिनांक 28 जुलाई को सचिव रक्षा उत्पादन के आवाहन पर रक्षा विभाग की चारों फेडरेशनों AIDEF, INDWF, BPMS, CDRA की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक आयोजित की गई । बैठक का विषय रिस्ट्रक्चरिंग ऑफ ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज था। सभी फेडरेशनों के पदाधिकारियों ने एक मत से ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों की रिस्ट्रक्चरिंग के नाम पर कॉरपोरेटाईजेशन किए जाने पर असहमति व्यक्त की।
ज्ञात हो पिछले वर्ष अगस्त की 30 दिन की हड़ताल शुरू होने के पश्चात चीफ लेबर कमिश्नर की मध्यस्थता तथा एच एल ओ सी के आश्वासन के पश्चात हड़ताल स्थगित की गई थी । तत्पश्चात एच एल ओ सी की बैठकें आयोजित की गई थी परंतु एच एल ओ सी की टर्म्स आफ रेफरेंस में मतभेद होने के कारण एलओसी की बैठकों का फेडरेशन द्वारा बहिष्कार किया गया था। वित्त मंत्री द्वारा ऑडनेंस फैक्ट्री के निगमीकरण की घोषणा के बाद भी फेडरेशन द्वारा एलओसी की बैठकों का बहिष्कार किया गया था तत्पश्चात सचिव रक्षा उत्पादन द्वारा आनंद फैक्ट्रियों की रिस्ट्रक्चरिंग के विषय को लेकर यह वीडियो कांफ्रेंस आयोजित की गई थी। वीडियो कांफ्रेंस में ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एसएन पाठक जी ने 82000 ऑर्डनेंस फैक्ट्री कर्मचारियों की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का रिस्ट्रक्चरिंग का अर्थ और फैक्ट्रियों का निगमीकरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए और फैक्ट्रियों की बेहतरी के लिए आज फैक्ट्रियों का स्टेटस बदले बिना की जाने वाली रिस्ट्रक्चरिंग स्वागत योग्य है। कुछ वेस्टेड इंटरेस्ट के लोगों द्वारा आज फैक्ट्रियों के बारे में जो दुष्प्रचार किया जा रहा है उस पर रोक लगाई जानी चाहिए। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीओं का कर्मचारी क्वालिटी, डिलीवरी , टारगेट, प्रोडक्शन को लेकर जागरूक है और इनकी बेहतरी के लिए सब कुछ करने को तैयार है पर कारपोरेशन नहीं चाहता। टारगेट अचीवमेंट में हम किसी से कभी कम नहीं रहे। हर युद्ध में लगातार काम करके ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीओं के कर्मचारियों ने अपनी उपयोगिता को सिद्ध किया है। ब्रिटेन की रॉयल ऑर्डिनेस फैक्ट्री को कारपोरेशन बनाया गया। उसका हश्र हम सबके सामने है । अगर स्वदेशी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीयों को कमजोर करके विदेशियों के भरोसे हथियार खरीदे जाएंगे और युद्ध की विपरीत परिस्थिति में विदेशियों ने अगर हथियार देने से मना कर दिया तब क्या हालात होंगे। इसलिए स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देकर ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां जो भी उत्पादन करती है उसे और आगे बढ़ाना चाहिए नई तकनीक लानी चाहिए। वीडियो कांफ्रेंस के अंत में सभी फेडरेशन पदाधिकारियों का धन्यवाद करते हुए सचिव रक्षा उत्पादन ने पदाधिकारियों को के वक्तव्य को सरकार तक पहुंचाने की बात कही। कर्मचारी नेताओं नेम सिंह, मिठाई लाल, श्री राम मीणा, आर एन शर्मा, शिव पांडे, सुनील श्रीवास्तव, रोहित यादव, राजा पांडे, अमरीश सिंह, नितेश सिंह, विरेंद्र साहू, राकेश जयसवाल, देवेश गर्ग , अर्नब दासगुप्ता , उत्तम रोहित, रोहित सेठ , बीरबल इत्यादि ने सभी कर्मचारियों को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आवाहन किया है।