बालबुद्धि बालक परंपराओं से अनभिज्ञ।

लोकसभा के मुख्य सचेतक द्वारा राहुल गाँधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
जबलपुर। राजनेताओं का अपना आचरण भाषा और बोली मर्यादा के अनुरूप होनी चाहिए, तभी वह जनता के समक्ष कोई आदर्श प्रस्तुत कर पाएंगे और जनता उनके पद चिन्हों पर चल पाएगी। लेकिन आज के दौर में राजनेताओं से इस तरह के आचरण की उम्मीद रखना ठीक वैसा ही है जैसे उल्टे घड़े पर पानी भरने की कोशिश करना। भाषा की मर्यादा लगातार तार-तार हो रही है। विषय चाहे कितना ही गंभीर क्यों ना हो, लेकिन राजनेताओं के बोल सदैव उनकी नकारात्मक लोकप्रियता को बढ़ाते हैं।
लोकतंत्र में सबसे बड़ी अदालत जनता की होती है। जहां चुनाव के दौरान जनता अपना फैसला सुनाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि, आने वाले समय में जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।
लोकसभा में गत दिवस कांग्रेस नेता एवँ साँसद राहुल गांधी द्वारा सदन की गरिमा को ठोकर मारते हुए सदन की अवमानना करने के लिए लोकसभा के मुख्य सचेतक एवँ जबलपुर साँसद राकेश सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष राहुल गांधी के खिलाफ विषेशाधिकार हनन का प्रस्ताव देते हुए कार्यवाही की मांग की है।
साँसद श्री सिंह ने सदन में राहुल गाँधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव देते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र का सम्पूर्ण विश्व में सम्मान है और हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा भी है यह सिर्फ सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नही अपितु अत्यंत प्राचीन भी है, मेरा अनुभव है कि जो सदस्य पहली बार सदन में चुनकर आते है वे भी जानते है कि लोकतंत्र का यह सर्वोच्च मंदिर नियमो और परंपराओं से चलता है परंतु चार बार का कोई मंद बुद्धि बालक साँसद इस बात को नही जानता। वह स्वयं इस बात को नही जानता तो कोई बात नही परंतु अपनी अनभिज्ञता के कारण वह सदन की गरिमा को ठोकर मारे यह स्वीकार नही है।
साँसद श्री सिंह ने कहा 11 फरवरी को इस सदन में यही हुआ और कांग्रेस के नेता व चार बार के साँसद राहुल गांधी ने लोकसभा में जो असंसदीय आचरण किया वह संसदीय गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाला है, आपकी अनुमति लिए बिना प्रोटेटेस्ट के लिए दो मिनिट का मौन संसदीय विचार प्रवाह को स्तब्ध करने वाली घटना है यह आचरण सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा को कलंकित करने वाला है।
साँसद श्री सिंह ने कहा कि राहुल गांधी सदन में कोई मौन कि चाहते थे तो उन्हें इसके लिए आपको सूचना देकर संसदीय प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही का आग्रह करना था लेकिन कांग्रेस के युवराज को प्रक्रिया और नियमों को निभाना उनके वंशानुगत राज करने के अहंकार के सामने जरूरी नही लगता। यह घटना असंवैधानिक और अनुचित है जो विशेषाधिकार और सदन की अवमानना के अंतर्गत आती है।
साँसद सिंह ने कहा कि कई अवसरों पर हमने देखा और अनुभव किया है कि संसद की प्रतिष्ठा और गरिमा का चीरहरण करना राहुल जी की प्रवत्ति बनती जा रही है और राहुल जी के संस्करो में नियम और प्रक्रिया में रहना दिखाई नही देता वे जब भी सदन में किसी विषय पर संवाद करते है तो हमेशा गरिमा के साथ खिलवाड़ करते है उनकी बातों का न कोई आधार होता है और न कोई साक्ष्य होता है, केवल झूट की बुनियाद होती है और देश को भ्रमित करने का देश को तोड़ने का, देश को नीचा दिखाने का एकमात्र एजेंडा होता है।
साँसद श्री सिंह ने कहा मेरी सभापति महोदय से मांग है कि राहुल गाँधी जी के खिलाफ सदन की अवमानना और विशेषाधिकार हनन की कठोरतम कार्यवाही की जाए।