जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

नरसिंह मंदिर में बैकुंठ सा उत्सव

समाज को सांस्कृतिक प्रदूषण से बचाएं

जबलपुर दर्पण। साकेत वासी जगतगुरु डा स्वामी श्रीश्याम देवाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मरण समारोह में अयोध्या जी से पधारे बड़े भक्त माल पीठाधीश्वर वयोवृद्ध संत शतायु बड़े भक्त माल जी महाराज ने आशीर्वाद में कहा संत वाणी सुनकर मरण नहीं मोक्ष होता है । कष्ट में साधु-संतों की शरण में जाना चाहिए कोटि-कोटि अपराधों,पापों का शमन होता है । सत्संग सुनने से साधक मरण के बाद प्रभु के समक्ष कुछ बोलने लायक बन जाता है । अपराध के लिए अपराधी के साथ प्रेरित करने वाला भी दोषी है । रसिक पीठाधीश्वर जन्मेजय शरण महाराज ने कहा कि श्री रामचरितमानस कल्पवृक्ष के साथ अद्वितीय ग्रंथ है । श्री राम जी का वांग्मय विग्रह है । कलयुग में श्रीराम जी ही रामचरितमानस के स्वरूप में दर्शन देते हैं । देह नगर अयोध्या, विदेह नगर जनकपुर, अत्यो नगर लंका है रामचरितमानस के समस्त श्रोता भी संत समान है। केवल रामकथा के श्रोता ही चकोर नहीं है समस्त प्राणियों को आल्हदित करने वाली राम कथा है । कामदगिरि पीठाधीश्वर रामानंदाचार्य रामस्वरूपाचार्य जी महाराज ने कहा कि संतो की उपस्थिति में बैकुंठ भी छोटा लग रहा है। संतों का दर्शन मात्र से संपूर्ण जगत के साथ जबलपुर का कल्याण हो रहा है । श्रीश्याम देवाचार्य जी महाराज का संपूर्ण जगत के संतों चरणों के साथ भक्त और संत के ह्रदय में स्थान बनाया है जिससे आज महाराज जी की पुण्यतिथि पर सभी पुष्पांजलि अर्पित करने नरसिंह पीठ पधारे हैं । गलतियां सुधारने का समय है। संतों से दूरियां बढ़ने के कारण भगवान की कृपा नहीं मिल रही । सांसारिक जीवन में कुछ क्षण पूजन अर्चन के साथ संतो के साथ सत्संग करना चाहिए । परमात्मा परम स्वतंत्र है। संतों को किसी से बंधकर नहीं रहना चाहिए। चित्रकूट में स्पटिक शिला के साथ सियाराम विराजमान हैं। अरण्य में ‌ भगवान श्री राम ने इंद्रराज, कुबेर की जगह केवल केवट से गंगा पार जाने के लिए नांव मांगी भूख लगी तो शबरी से कंदमूल फल खाये। भगवान ने केवट शबरी जटायु के उध्दार के लिए वन लीला की है । प्रेम से मिले पुष्प के हार स्वर्ण से कीमती है । पति पत्नी को परिस्थितियों को समझकर उसका सामना करना चाहिए क्योंकि पड़ोसी से ज्यादा घर के अंदर रहने वाले आपस में इर्षित है। दूसरे का सम्मान करो तो सिर्फ परिवार के नहीं सारे संसार के प्रिय बन जायेंगे । भगवान और संतों की कृपा कि परीक्षा नही प्रतीक्षा करना चाहिए । संतों की कृपा से भगवान ही आपका हो जायेगा । हनुमान,विभीषण ने रामजी महाराज की प्रतिक्षा की ओर सर्व जगत में पूज्य हो गये । भगवान की कृपा नहीं होगी तो कोई नहीं जगत में कोई नहीं बचा पायेगा । सभी को मौत का भय है । महा संतों के दर्शन महाराज जी की पुण्यतिथि पर हर वर्ष होंगे संत महात्माओं के प्रवचन दर्शन से डर से बच जाओगे । श्री जगतगुरु विश्वेशप्रपन्नाचार्य महाराज , महामंडलेश्वर श्री केशव दास महाराज, श्री हनुमानदास ,डॉ स्वामी मुकुंददास जी महाराज, श्री राधे चैतन्य जी महाराज, श्री रंजीता नंद, ब्रम्हार्षि राम बहादुर जी, रामकृष्ण महाराज, जगतगुरु डा स्वामी श्रीश्याम देवाचार्य जी की पादुका के साथ संत महात्माओं का स्वागत अभिनंदन आरती सांसद राकेश सिंह, पूर्व सांसद जयश्री बैनर्जी, सी ए अखिलेश जैन,डॉ दीपक बहरानी, सुधीर अग्रवाल, नरेंद्र कोष्टी, अभिलाष पांडे, राजेश जैन सी ए,विष्णुकांत ठाकुर, शिव यादव, डॉ हितेश अग्रवाल, मोहन लाल साहनी सहित भक्तों, संस्थाओं ने आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री सनातन धर्म महासभा के अध्यक्ष श्याम साहनी, अशोक मनोध्या, गुलशन माखीजा, लक्की भाटिया, विजय सरावगी, सत्येंद्र शर्मा, राजेंद्र इंदुलता प्यासी, वीरेंद्र सिंह, गीता पांडे, अंजू भार्गव, ने नगर की धार्मिक संस्थाओं से पदाधिकारियों के साथ भक्त जनो से उपस्थिति का आग्रह किया है ।

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