सभी के लिए नई शिक्षा नीति होगी लाभकारी।
सभी के लिए नई शिक्षा नीति होगी लाभकारी।
सेंट अलोयसियस कॉलेज में दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित।
जबलपुर। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है। पुरानी शिक्षा पद्धति में कुछ परिवर्तन करके, उसे नए सिरे से लोगों के सामने प्रस्तुत किया है। इसके क्या फायदे और नुकसान होंगे। यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन शिक्षा नीति के संबंध में शिक्षण संस्थानों ने,अपनी पहल शुरू की है। इसी कड़ी में सेंट अलोयसियस कॉलेज में, नई शिक्षा नीति को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
यह सेमिनार वर्चुअल रूप से आयोजित किया गया। प्राचार्य डॉ फादर जी वल्लन अरासू के निर्देशन और संयोजन में, डॉक्टर एलेना फिलिप के कोआर्डिनेशन में,डॉक्टर सी बी सैमुअल के संयोजन में आयोजित की गई थी। आइक्यूएसी, अर्थशास्त्र विभाग, भारतीय सामाजिक तथा अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में, 10 शोध पत्रों का प्रथम और द्वितीय सत्र में अध्ययन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ईश्वर की आराधना से शुरू किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि,फादर जेराल्ड अल्मेड़ा ने भी शुभकामनाएं दी। साथ ही उन्होंने कहा, कि किसी भी तरह के नवाचार देश समाज और शिक्षण संस्थानों के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं। ठीक इसी प्रकार नई शिक्षा नीति के माध्यम से, नई पीढ़ी उसके व्यवहारिक ज्ञान को प्राप्त करके आगे बढ़ेगी। प्राचार्य फादर वल्लरासू ने अपने उद्बोधन में भी शुभकामनाएं देते हुए कहा। कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बनाई गई है। और यह सभी नीतियां निश्चित ही युवा पीढ़ियों के लिए लाभकारी होंगी। उनका व्यावहारिक ज्ञान के लिए भी उपयोगी होगी। प्रमुख बीज वक्ता के रूप में डॉ मधुकर शेषाद्री की उपस्थित रही। प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में, डॉ श्याम सिंह ने भी संबोधित किया। सत्र के संचालन में उप प्राचार्य डॉ कलोल दास, रीता चौहान, डॉक्टर हेबसीबा जॉन, डॉक्टर कुदेशिया रजा, की भूमिका उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन निहारिका सिंह ने किया जबकि आभार प्रदर्शन,तुहिना चौधरी ने किया।