जीएसटी नियमो का उड़ रहा माखौल फर्जी भुगतान भी जारी
बुढार । भारत सरकार की कर चोरी को रोकने के लिए बहुआयामी तौर पर जीएसटी सेवा एक कानून के रूप पर तैयार किया जिसे टिन नम्बर से ऊपर का दर्जा प्राप्त हुआ यहां तक कि जीएसटी के लागू होने से टिन नम्बर जैसे बिलों की बाजार में चलन ही बन्द हो गया और जीएसटी के दायरे में अलग-अलग वस्तुओं को रखते हुए उनकी दरें तैयार की गई किन्तु अभी भी ऐसे सैकड़ो संस्थान हैं जो भारत सरकार के इस अनूठे पहल पे ग्रहण लगा रहे हैं ऐसा ही एक मामला बुढार जनपद अन्तर्गत ममरा पँचायत का है
जनपद बुढार के अंतिम छोर ग्राम पँचायत ममरा में हरिओम ट्रेडर्स का बोलबाला है जहाँ हर निर्माण कार्य मे सिर्फ एक ही फर्म के सैकड़ो बिल लगाए गए हैं कथित फर्म ने पूरा खेल जीएसटी को दरकिनार कर खेला है और बिलों को टिन नम्बर की पहचान देकर दर्जनो निर्माण कार्य मे भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है पँचायत के जिम्मेदारों से मिलीभगत कर दर्जनो बिल आपूर्ति के नाम पर लगाए गए हैं यहां तक कि सप्लायर के खाते में भी लाखों रु के भुगतान हुए हैं
निर्माण कार्य कुछ और भुगतान कुछ और
जनपद बुढार अन्तर्गत न सिर्फ ममरा पँचायत अपितु दर्जनो ऐसे ग्राम हैं जहां वेंडर के नाम की इंट्री कराकर बिना निर्माण कार्य के ही दर्जनो बिल लगाकर राशि निकाल ली जाती है यहाँ तक कि इन फर्मो से गिट्टी, रेत,ईंट सीमेंट हर तरह की बिल भुगतान करा लिए जाते हैं सप्लाई किसी और का भुगतान किसी और का,यही हाल ममरा पंचायतों में हरिओम ट्रेडर्स का है जहाँ एक ही फर्म ने बिना जीएसटी के एक ही छत के नीचे दर्जनो मटेरियल आपूर्ति का न सिर्फ जिम्मा उठाया अपितु जीएसटी जैसे नियमो की धज्जियां भी उड़ाई