पेन्टीनाका से बरेला तक सडक किनारे अतिक्रमण न हटाने का मामला

जबलपुर दर्पण। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी पेन्टीनाका से बरेला तक की चौड़ाई में पुन: ठेले व टपरे रखकर किये गए बेजा अतिक्रमण पर एक अवमानना याचिका के माध्यम से के हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस शील नागु तथा जस्टिस पुरुषेन्द्र कुमार कौरव की युगल पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर नगर निगम आयुक्त तथा नगर परिषद बरेला के सीईओ को अवमानना का नोट जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है ।
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2006 में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष व स्टेट बार कौंसिल के सदस्य आर.के. सिंह सैनी ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें दलीले देते हुए अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता ने न्यायालय को बताया था कि पेन्टीनाका से बरेला तक 80 फिट सडक के दोनों किनारे अवैध कब्जा कर दुकानें लगा ली है, जिससे ट्रेफिक जाम व दुकानदारो द्वारा फेके जा रहे कचरे से हो रही गंदगी से संक्रमण फैलने का खतरा है। तदोपरांत हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने नगर निगम जबलपुर तथा नगर परिषद बरेला को निर्देशित किया था कि पेन्टीनाका से बरेला तक सड़क की चौड़ाई में हुए बेजा अतिक्रमण हटाए जाए, साथ ही न्यायालय ने यह भी निर्देशित किया था कि 80 फिट चौड़ी सड़क को खाली किया जाए ताकि यातायात अवरूध न हो। न्यायालय ने नगर निगम और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी बरेला को यह भी निर्देशित किया था कि वह देखे कि सडक के आसपास कहां वेन्डर जोन बन सकते हैं। तदोपरांत अतिक्रमण हटा दिए गए किंतु उसी जगह पुनः अतिक्रमण काबिज हो गए। याचिकाकर्ता ने बार-बार अभ्यावेदन दिए किंतु नगर निगम जबलपुर तथा नगर परिषद बरेला ने दोबारा अतिक्रमण हटाने की कोई कार्यवाही नहीं की।
याचिकाकर्ता द्वारा अवमानना याचिका दायर की गई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता ने दलीले देते हुए न्यायालय को बताया कि, पेन्टीनाका से बरेला तक की सडक की चौडाई में वर्तमान में पुनः ठेले व टपरे रखकर अंडे, सब्जी, फलफूल, किराना, कपड़े आदि की दुकानें लग गई है, जिससे गंदगी व ग्राहकों के द्वारा सडक में हूं वाहन खड़े करने से सडक में यातायात अवरुध हो जाता है और प्रतिदिन प्रायः ट्रेफिक जाम रहता है। इसके अतिरिक्त सङक की चौड़ाई में फोर लेन बनाने हेतु लगभग 70 करोड़ रुपयो का ठेका दिया गया है, जिसमें कुछ कमियों को छोड़कर नाली, डिवाइडर आदि पूर्णत: की ओर है, उन्होने बताया कि गौर नदी तिराहा पर लोगों ने अपने घर और दुकानों के आगे 15 फुट आगे तक अतिक्रमण कर रखा है जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है। तदोपरांत न्यायालय ने अवमानना नोटिस संबंधित विभाग को जारी किए हैं ।
याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्त्ता की ओर से अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता, रमाकांत अवस्थी नगर निगम की ओर से अधिवक्ता हरप्रीत रूपराह ने पक्ष रखा।