दो मंत्रियों की बातचीत में निकली अंतरात्मा की आवाज,कृषि मंत्री बोले ऊर्जा मंत्री से-बिजली न मिलने से किसान निपटेगा और वो हमें निपटा देगा,कुछ करो यार
जबलपुर दर्पण पाटन ब्यूरो। अघोषित बिजली कटौती से अभी तक सिर्फ शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता ही परेशान थे लेकिन आज की स्थिति में बिजली संकट से प्रदेश सरकार के विधायकों मंत्रियों के माथे पर चुनाव में निपटने की चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है। सभी मंत्री,विधायकों को बिजली के लिऐ अपनी ही सरकार के मंत्री से आग्रह करते देखा और सुना जा सकता है। दूसरी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार प्रदेश में पंचायत चुनाव की आहट से प्रदेश सरकार भी अलर्ट हो गई है। मध्यप्रदेश के बिजली संकट में कृषि मंत्री कमल पटेल औऱ ऊर्जा मंत्री के बीच बातचीत में दोनों की बेचैनी बता रही है। यदि प्रदेश में बिजली के हालात जल्द ठीक नहीं हुए तो आगामी चुनाव में सरकार का निपटना तय मानकर चल रहे है। प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री बिजली कटौती औऱ किसानों की नाराजी की बात करते हुए वीडियो में कह रहे हैं कि किसानों को बिजली नहीं मिल रही है, भाई कटौती बंद करवा दो। कमल पटेल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से कह रहे हैं कि किसान निपटेगा तो वो हमें निपटा देगा। कृषि मंत्री को अपने क्षेत्र नर्मदापुरम संभाग की चिंता है जबकि वे पूरे मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री है। उनके क्षेत्र में 4 हजार करोड़ की मूंग की फसल बर्बाद हो जाएगी जबकि पूरे मध्यप्रदेश में हजारों करोड़ की फसल बर्बाद होने का डर किसानों को सता रहा है। लेकिन कृषि मंत्री को अपने क्षेत्र के किसानों को बिजली कटौती से मुक्त किया जाय सिर्फ इसकी चिंता है। आगे कहा कि बिजली कटौती कर किसानों को जो 10 घंटे बिजली मिलती है,वो तो दिला दो यार ? तोमर ने उन्हें आश्वासन दिया है। मंत्री जी जिस क्षेत्र के किसानों को बिजली नही मिलेगी तो उस क्षेत्र से निपटेगी भाजपा इसलिए भेदभाव की राजनीति बंद कर पूरे प्रदेश के किसानों को पर्याप्त बिजली मिले इसकी चिंता सर्वप्रथम प्रदेश सरकार को करनी चाहिए। न की नर्मदापुरम संभाग की।