सखा के लिए सर्वस्व समर्पण ही सच्ची मित्रता : स्वामी अशोकानंद
जबलपुर दर्पण। जीवन मे स्वंय के साथ समाज के हित के कार्य करना चाहिए। मित्र पर आनेवाली विपत्तियो को जानकर अपना बना ले वो ही सच्चा मित्र सुदामा है और राजसी वैभव आने के बाद भी बाल सखा की हर संभव मदद का प्रयास करे वो ही भगवान श्रीकृष्ण है। बाल्यकाल मे सुदामा ने श्रीकृष्ण के जीवन मे आने वाली दरिद्रता को चने के रूप मे स्वंय ग्रहण कर ली थी, जिसका प्रतिफल नारायण ने मित्रता निभा कर दिया था। श्रीकृष्ण की सेवा मानकर दरिद्र नारायण की यथा संभव मदद सक्षम परिवारो को करना चाहिए। निष्काम भाव से राष्ट्र समाज के हितार्थ कार्य मे सभी को योगदान देना चाहिए। वर्तमान समय मे गीता के उपदेश नितांत आवश्यक है। श्रीमद्भागवत की सात दिवसीय कथा की ज्ञान गंगा मे स्नान अवश्य करना चाहिए।
।उक्त भावुकतापूर्ण उदगार नर्मदा तट भक्तिधाम ग्वारीघाट जबलपुर मे श्रीहरि नारायण के अवतारो के परम पुनीत वैशाख मास के अवसर पर प्रख्यात कथावाचक परम पूज्य स्वामी श्री अशोकानंद महाराज ने श्रीमुख से कहे।
कथा के विराम दिवस पर श्रीमद्भागवत महापुराण मे सुदामा चरित्र, हवन पूर्णाहुति, महाप्रसाद भोग भंडारा संपन्न हुआ।
इस अवसर पर परम पूज्य स्वामी विश्वक सेनाचार्य महाराज, विधायक अशोक रोहाणी , विधायक विनय सक्सेना, सोनू बचवानी,विजय पंजवानी, नरेंद्र केशवानी, विध्येश भापकर, हीरा शर्मा, उमेश पारवानी, करिश्मा शर्मा, जया लालवानी, दीप्ति केशवानी, काजल, विमला, वीनू ममता, सोनिया वाकुलकर, पं वेदांत शर्मा, पार्थ, मौर्य, जगदीश दीवान, पप्पू लालवानी, प्रिंस, आनंद, सहित भक्तिधाम ग्वारीघाट भक्त मंडल , संस्कारधानी जबलपुर के भाविक श्रृध्दालुओ की बडी संख्या मे उपस्थिति रही। नवग्रह, श्रीपीठ, षोणश मातृका, राधा कृष्ण, श्रीमद्भागवत महापुराण का वैदिक पूजन पं आशीष, पं पुष्पराज तिवारी, पं शिव शंकर सहित आचार्य गणो ने किया। श्रीमद्भागवत महापुराण के विराम दिवस पर भक्तिधाम ग्वारीघाट मे हवन पूर्णाहुति, भंडारा महाप्रसाद संपन्न हुआ।