पर्यावरण प्रबंधन होगा आसान : डॉ. एस.डी. उपाध्याय
जबलपुर दर्पण। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन की सद्प्रेरणा एवं मार्गदर्षन में सतत् उत्कृष्ट सोपान स्थापित हो रहे है। इसी तारतम्य में मंगलवार को नाहेप परियोजना के अन्तर्गत एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। मेडीकेप यूनिवर्सिटी इंदौर के अधिष्ठाता कृषि संकाय एवं विष्वविद्यालय के भूतपूर्व संचालक षिक्षण एवं फारेस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एस. डी. उपाध्याय द्वारा श्पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के वृद्धि एवं विकासश् विषय पर अपना व्याख्यान दिया। इस दौरान डॉ. एस. डी. उपाध्याय ने बताया कि प्रकृति समस्त संसाधन वन, भूमि, जल, फसल, वायु आदि को वैल्यू के रूप में समझेंगे, एवं सभी की सर्विस को समझकर इसका मूल्यांकन करेंगे, तो हमारे पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन में सहजता होगी। हमारी समस्त संसाधन हमारी धरोहर का सरंक्षण हेतु पृथ्वी के प्रत्येक मानव की महती जिम्मेदारी है।
नाहेप द्वारा आयोजित इस विषेष व्याख्यान माला में अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय जबलपुर डॉ. ए. के. सरावगी, कृषि आभियांत्रिकी संकाय अधिष्ठाता डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव, नाहेप प्रमुख डॉ. आर. के. नेमा, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. एस. बी. दास एवं नोडल अधिकारी, ई. एस. पी. आदि द्वारा सराहनीय प्रयास लगातार किये जा रहे हैं। ताकि समसमायिक विषयो व कृषि के नवाचार का व्यापक लाभ कृषि विषय के छात्र-छात्राओं, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों एवं हमारे अन्नदाता कृषकों को प्राप्त हो सकें। कार्यक्रम की आवष्यकता व उपयोगिता विषय पर स्वागत उद्बोधन डॉ. एस. बी. दास, नाहेप कार्यक्रम समन्वयक ने किया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि डॉ. ए. के. सरावगी ने कहा कि वसुंधरा के संरक्षण हेतु प्रत्येक मानव को छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे तो हमारी धरती फिर से स्वर्ग हो जायेगी। कार्यक्रम का संचालन कु. अंजली पटेल आभार प्रदर्षन डॉ. एस. के. अवस्थी द्वारा किया गया। इस विषेष व्याख्यान के दौरान, कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान के संचालक डॉ. एस.बी. नाहतकर, सूचना एवं जनसमपर्क अधिकारी डॉ.शेखर सिंह बघेल, डॉ. ए. के. बाजपेयी, डॉ. एब्राल, डॉ. रामाकृष्णन, डॉ.विजय यादव, डॉ. मरावी, आलोक राजपूत एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।