भेड़ाघाट स्थित हिन्दू देवी-देवताओं के पाषाण प्रतिमाओं का संरक्षण जरूरी: तरुण भनोत
जबलपुर दर्पण। शहर के भेड़ाघाट स्थित विश्व प्रसिद्ध चौसठ योगिनी मंदिर के पास स्थित दीनदयाल म्यूजियम में स्थापित हिन्दू देवी-देवताओं के पाषाण प्रतिमाओं का परिसर सरकार और प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी के कारण अत्यंत दुर्दशा का शिकार हैं। पार्क के अंदर भाजपा के संस्थापक पंडित दिनदयाल उपाध्याय के नाम से निर्मित इस म्यूजियम को हिन्दू देवी-देवताओं की पाषाण प्रतिमाओं से सजाया-सँवारा गया था, किन्तु, सरकार की अनदेखी और लापरवाही के कारण इस पार्क की ऐसी दुर्दशा होगी, शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। उकताशय का उद्गार प्रदेश सरकार में पूर्व वित्त मंत्री एवं जबलपुर पश्चिम से विधायक तरुण भनोत द्वारा मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री विनोद गोंटिया को प्रेषित पत्र के माध्यम से व्यक्त किया गया हैं।
श्री भनोत ने पर्यटन निगम के अध्यक्ष विनोद गोंटिया को प्रेषित पत्र के माध्यम से बताया कि चौसठ योगिनी मंदिर के प्रांगण के तर्ज पर मूर्तिया रखने के लिए गोलाकार रूप से इस म्यूजियम का निर्माण किया गया था, जिसमे भेड़ाघाट से लगे कई गांवों मे खोजबीन करके ली गई प्राचीन पाषाण मूर्तिया एकत्रित करके इस दीर्घा मे रखी गई थी, लेकिन प्रशासन और संबंधित विभागों की अनदेखी और लापरवाही के कारण यह दीर्घा पूरी तरीके से खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं। पूरे म्यूजियम मे झाड़ियाँ और गाजरघास इतनी उग चुकी हैं कि मूर्तियाँ भी अब दिखाई नहीं दे रही हैं।
श्री भनोत ने प्रेषित पत्र में यह भी बताया कि हिन्दू देवी-देवताओं के पाषाण प्रतिमाओं और लोगों को उनके प्रति आस्था को संरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी हैं। भेड़ाघाट जैसे अन्तराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों पर प्रशासन की ऐसी अनदेखी और लापरवाही कहीं न कहीं हमारे पर्यटकों के मन मे गलत संदेश जाता हैं कि हम अपने आराध्य और आस्था के प्रतीकों का भी संरक्षण नहीं कर पा रहे हैं। विधायक श्री भनोत ने पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री गोंटिया को पत्र के माध्यम से आग्रह किया कि संबंधित विभाग को निर्देशित कर दीनदयाल पार्क के दुर्दशा का विस्तृत रिपोर्ट का आँकलन करवाया जायें और उसके उन्नयन एवं जीर्णोंदार को लेकर तत्काल आवश्यक कदम उठाये जायें ताकि म्यूजियम को उसके वास्तविक और सुसज्जित स्वरूप दिया जा सके।