जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

जीवन सुखमय बनाने के लिए भगवत भक्ति आवश्यक : स्वामी अशोकानंद

जबलपुर दर्पण। श्रीमद्भागवत कथा जीव के जीवन का सार है । जीवन सिर्फ सप्त दिवसीय ही है । भगवत भक्ति में चित्त लगाने से जीव के प्रारब्ध, वर्तमान, भविष्य मंगल मयी होता है । पितृपक्ष के सोलह दिन हमारे पूर्वजों के दिन होते हैं। मृत पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उन्हें संतुष्टि प्रदान करने के लिए 16 दिनों में श्राद्ध, तर्पण, अन्न दान जैसे कर्म किए जाते हैं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। उक्त उद्गार नर्मदा मैया के तट पर भागवताचार्य स्वामी अशोकानंद जी महाराज ने कहे। श्री भक्ति धाम सेवा समिति, भागवत सेवा समिती द्वारा भागवत पुराण में
10 सितंबर से 16 सितंबर शाम 4 बजे से 7 बजे तक स्थान भक्तिधाम आश्रम ग्वारीघाट में श्रृद्धालु भक्त जनों से उपास्थिति का आग्रह किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page