ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने जबलपुर के स्वीकृत प्रस्ताव को छीना जाना दुर्भाग्यपूर्ण : तरुण भनोत

जबलपुर दर्पण। जबलपुर को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने के स्वीकृत प्रस्ताव पर पुनः विचार करने पूर्व वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र। ऐसा पहली बार नहीं हैं, जबकि मध्यप्रदेश का सर्वाधिक महत्वपूर्ण शहर और सम्पूर्ण महाकौशल संभाग का मुख्यालय जबलपुर के साथ प्रदेश भाजपा सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया रहा हैं | इसके पूर्व भी शहर में स्थित मुख्यालयों को जबलपुर से भोपाल या किसी अन्य शहर में शिफ्ट किए जाने का कुरचित प्रयास किया गया हैं | स्थानीय स्तर पर भाजपा सरकार द्वारा कभी भी जबलपुर को राजनैतिक रूप से सक्षम नेतृत्व प्रदान नहीं दिया गया, जिसके कारण पिछले 18 वर्षों के शिवराज सरकार में जबलपुर से पिछड़े प्रदेश के दूसरे शहर या तो जबलपुर के समकक्ष खड़े हैं या जबलपुर से आगे निकल चुके हैं | यह जबलपुर के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि जबलपुर के साथ हो रहे इस उपेक्षा और राज्य सरकार की उदासीनता के खिलाफ जबलपुर के भाजपा जनप्रतिनिधियों का एक शब्द नहीं निकलता | ऐसा ही एक ताजा उदाहरण हैं, इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के द्वारा जबलपुर को ग्रीन सिटी बनाने के स्वीकृत प्रस्ताव के बावजूद भी केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा देश में चयनित 8 शहरों में जबलपुर को शामिल नहीं किए जाने का हैं | उक्त आरोप प्रदेश सरकार में पूर्व वित्त मंत्री एवं जबलपुर पश्चिम से विधायक श्री तरुण भनोत के द्वारा लगाया गया हैं। उल्लेखनीय है कि इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की तरफ से ग्रीन सिटी बनाने का प्रस्ताव आया था | मेंगलुरु और बैंगलुरु की स्मार्ट सिटी के तर्ज पर जबलपुर को भी ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई थी | जबलपुर स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में भी निर्णय ले लिया गया था कि जबलपुर को भी ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा और इसके लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल से एमओयू हस्ताक्षर करके काम करने की पूरी तैयारी भी कर ली गई थी, किन्तु केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा देश के चयनित 8 प्रस्तावित ग्रीन सिटी में जबलपुर को शामिल नहीं किया गया, अपितु जबलपुर के स्थान पर प्रदेश के ग्वालियर शहर को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने चयन किया गया हैं। श्री भनोत ने बताया कि जबलपुर को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने जबलपुर के पास आपार संभावनाएं थी, किन्तु, जबलपुर के साथ प्रदेश भाजपा सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये और उदासीनता के कारण जबलपुर से यह हक छीना गया हैं जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं और जबलपुर की जनता के विश्वास के साथ धोखा हैं | उन्होंने बताया कि ग्रीन फील्ड सिटी के लिए चयनित देश के 8 शहरों को केंद्र सरकार के द्वारा 1 हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान हैं, और यदि जबलपुर शहर ग्रीन सिटी के रूप चयनित होता तो निश्चित रूप से केंद्र सरकार से मिलने वाली इतनी बड़ी राशि से जहां एक तरफ नये जबलपुर को बसाने में मदद मिलती वही दूसरी ओर शहर के घने बसावट और उससे होने वाली तमाम समस्याओं में भी कमी आती |
श्री भनोत ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को प्रेषित पत्र के माध्यम से आग्रह किया हैं कि इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के प्रस्ताव, स्मार्ट सिटी जबलपुर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सकारात्मक निर्णयों और इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के साथ हुए एमओयू के आधार पर पुनः केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय से चर्चा कर जबलपुर को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने के लंबित प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करवाया जाएं, ताकि धार्मिक, आध्यात्मिक, प्रशासनिक और सामाजिक रूप से समृद्ध जबलपुर को उसका हक मिलें और ग्रीन सिटी के रूप में विकसित होकर जबलपुर देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान बना सके |