जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

जंतर मंतर में हिंदी के लिए धरना

प्रेरणा हिंदी सभा ने दिया समर्थन : कवि संगम त्रिपाठी

जबलपुर। भारत और भारतीय भाषाओं के लिए बड़ी संख्या में जंतर-मंतर पर उतरेंगे विभिन्न राज्यों से लोग। विभिन्न मंचों पर और सभागारों में तो हिंदी और भारतीय भाषाओं की बात खूब होती रही है लेकिन लंबे समय से भारत और भारतीय भाषाओं को ले कर लोग सड़कों पर नहीं आए हैं। भारत के नाम और भारतीय भाषाओं की माँग को लेकर अब ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ और ‘जनता की आवाज फाउंडेशन’ द्वारा 25 सितंबर 2022, रविवार को जंतर-मंतर, नई दिल्ली पर एक दिवसीय जागृति अभियान एवं धरने का आयोजन किया है। इस आयोजन के मुख्य मार्गदर्शक वरिष्ठ पत्रकार व भाषा-सेनानी तथा भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रताप वैदिक है।
‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के निदेशक डॉ मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’ के अनुसार इस भाषाई सत्याग्रह की मुख्य मांगें – हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाया जाए। जनभाषा में न्याय की व्यवस्था की जाए। संविधान से इंडिया नाम हटाया जाए, केवल भारत अपनाया जाए। भारतीय भाषाओं में शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था की जाए।
डॉ मोतीलाल गुप्ता ‘ आदित्य ‘ के अनुसार भारत में वैधानिक रूप से कोई राष्ट्रीय संपर्क भाषा न होने के कारण जनता को विभिन्न कानूनों के अंतर्गत सूचनाएँ हिंदी या राज्य की भाषाओं के बजाए केवल अंग्रेजी में मिलती हैं जिससे उनके कानूनी अधिकारों का हनन होता है। भारतीय भाषाओं में न्याय तथा शिक्षा –रोजगार न होने से नागरिकों के साथ अन्याय होता है और सामान्य व पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिल पाता । अंग्रेजी माध्यम के कारण मौलिक चिंतन न होने के कारण देश का विकास भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि भारत को इडिया कहना भारतीय अस्मिता पर प्रहार है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन को हमारा पूर्ण समर्थन है व भविष्य में भी हिंदी के लिए किए जाने वाले अभियान पर सभा अपना सहयोग प्रदान करेंगी।

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