आर्ट ऑफ़ लिविंग के यस-प्लास कार्यक्रम का समापन

पौधा रोपकर बनाया उसे दोस्त, सुरक्षा की ली शपथ
जबलपुर। जीवन को आदर्श बनाने का तरीका इतना आसान हो सकता है, ये कभी सोचा भी नहीं था…हमारे अंदर ही खुशियों का खजाना है, इसका पता आज हमें चला है। श्रीराम इंजीनियरिंग कॉलेज में ये उद्गार छात्र-छात्राओं के थे, जिन्होंने छः दिन आर्ट ऑफ़ लिविंग के यस-प्लस कार्यक्रम में पूर्ण सहभागिता दी। संस्था के प्रशिक्षक ऋतुराज असाटी ने बताया कि 21 से 26 सितंबर तक इंजीनियरिंग, फॉर्मेसी, साइंस और कॉमर्स के करीब 200 छात्र-छात्राओं ने क्लास में हिस्सा लिया। इस विशेष कार्यक्रम में युवा प्रतिभगियों को एकाग्रता, तनाव में कमी, निर्णय क्षमता में विकास, टाइम मैनेजमेंट, मन की शांति, पब्लिक स्पीकिंग स्किल, रिलेशनशिप मैनेजमेंट साथ ही साथ शारीरिक स्फूर्ति को केंद्रित कर शरीर में नई ऊर्जा को समाहित करने के आसान सूत्र सिखाए गए।
तेज-रफ्तार से भागते समय और तनाव के दौर में खुद को हर परिस्थिति से निकालकर लक्ष्य की प्राप्ति का सूत्र प्रशिक्षक श्री ऋतु राज असाटी और जय दुबे ने इन पांच दिनों में बताए। मन की एकाग्रता और उदासीनता को दूर करके हमेशा खुश रहने का मंत्र सुदर्शन क्रिया के माध्यम से आत्मविश्वास को जगाने का रहस्य भी प्रशिक्षण के दौरान बताया गया।
पौधा रोपकर उन्हें बनाया साथी
प्रशिक्षण के अंतिम दिन कॉलेज परिसर में सौ पौधों को रोपकर प्रत्येक पौधे को दो छात्र-छात्राओं ने साथी बनाया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने पौधों के नाम रखे और संकल्प लिया कि वे जब तक कॉलेज में पढ़ाई करेंगे, पौधे की देखरेख करेंगे। इस मौके पर संस्थान के चेयरमैन आरके करसौलिया, रामेंद्र करसौलिया और राजुल करसोलिया और आर्ट ऑफ़ लिविंग प्रशिक्षक नवीन बरसैयां मौजूद रहे।