समान कार्य समान वेतन लिपिक संवर्ग का संवैधानिक अधिकार
जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेश जागरूक अधिकारी कर्मचारि संघठन के जिलाध्यक्ष राॅबर्ट मार्टिन ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार की उपेक्षा पूंर्ण नीति के चलते लिपिक संवर्ग का सदैव ही आर्थिक शोषण हुआ है। वर्तमान में मंत्रालय के सहायक ग्रेड-3 के मुकाबले विभागाध्यक्ष कार्यालय के सहायक ग्रेड-3 का समयमान वेतनमानों में शोषण किया जा रहा है। जहां संविधान के अनुच्छेद 39 प में प्रावधान है कि ‘एक ही कार्य को करने वाले सभी लोगों को समान वेतन मिलना चाहिए‘ परन्तु मंत्रालय, राज्यपाल सचिवालय, विधि एवं विधायी के सहायक ग्रेड 3 का द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान 9300-34800+3600 ग्रेड पे और तृतीय उच्चतर समयमान वेतनमान 9300-34800+4200 ग्रेड पे पर दिनांक 01/04/2006 से उन्नत किया गया है जबकि विभागाध्यक्ष एवं अधीनस्थ कार्यालय के सहायक ग्रेड-3 का द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान 5200-20200+2800 ग्रेड पे और तृतीय उच्चतर समयमान वेतनमान 9300-34800+3200 ग्रेड पे पर उन्नत किया गया है जो कि संवैधानिक अधिकारों का हनन और शोषण है। यही वजह है कि लिपिक संवर्ग में रोष व्याप्त है कि समान कार्य करने के बावजूद वेतन में इतना भारी अंतर क्यों ?संघ ने आगे बताया कि विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ सहायक ग्रेड 3/ लिपिकों के दायित्व मंत्रालय में पदस्थ सहायक लिपिकों के समान ही होते हैं। अतः समयमान वेतनमान में उत्पन्न विसंगति को दूर किये जाने हेतु उचित निर्णय वित्त विभाग को लिया जाना चाहिए। परंतु शासन द्वारा किसी प्रकार का उचित निर्णय नहीं लिए जाने के कारण लिपिकों के संवैधानिक अधिकारों पर न्यायौचित कार्यवाही नहीं करने से मंत्रालय के लिपिकों कि तुलना में विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ लिपिकों को मिलने वाले प्रतिमाह के वेतन में हजारों रूप्ये का अन्तर है। यही वजह है कि सेवानिवृत्ति पर लिपिकों को कम पेंषन का निर्धारण हो रहा है। अतः लिपिक संवर्ग के वेतन में इतना भारी अंतर होना न्याय संगत नहीं है क्योंकि समान कार्य के लिए सभी को समान वेतन मिलना चाहिए।संघ के जिलाध्यक्ष-राॅबर्ट मार्टिन,हेमन्त ठाकरे, राकेष श्रीवास, क्रिस्टोफर नरोन्हा, शहीर मुमताज, दिनेष गौंड़, स्टेनली नाॅबर्ट, राॅबर्ट फ्रांसिस, राजकुमार यादव, एनोस विक्टर, सुनील झारिया, उमेष ठाकुर, आषाराम झारिया, गोपीषाह, शरीफ अंसारी, सुधीर अवधिया, रऊफ खान, आर.पी.खनाल, सुखराम विष्वकर्मा, निलेष खरे, अषोक परस्ते, सुधीर पावेल, रवि जैन, फिलिप अन्थोनी, विनोद सिंह, चैतन्य कुषरे, गुडविन चाल्र्स, डी.आर.बेलवंषी, महेन्द्र प्रधान, एस.बी.रजक, अफरोज खान, क्रिस्टोफर नरोन्हा, संतोष चैरसिया, देवेन्द्र पटेल, रमाकांत चैकसे, मनोज साहू, वसुमुद्दीन, त्रिलोक सिंह, समर सिंह ठाकुर, आषीष कोरी आदि ने मांग की है।