इंदौर की धरती पर गरजे अमित शाह, कमलनाथ को कहा ‘करप्शन नाथ’
इंदौर । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को इंदौर में आयोजित भाजपा के संभागीय सम्मेलन में बूथ कार्यकर्ताओं को जीत का सटीक मंत्र देते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव अभियान का आगाज किया। शाह की निगरानी में इंदौर की तर्ज पर प्रदेश के सभी संभागों में बूथ सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
इस दौरान भाजपा के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार शाह ने जहाँ कमलनाथ को ‘करप्शन नाथ’ की उपाधि दी, वहीं दिग्विजय सिंह को ‘मिस्टर बंटाधार’ की उपाधि देकर विपक्ष पर तंज़ कसते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस के शासन में ट्रांसफर इंडस्ट्री के अलावा मध्य प्रदेश में कोई भी नया उद्योग नहीं लगा। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की भाजपा सरकार मध्य प्रदेश को देश का नंबर वन राज्य बनाने की ओर अग्रसर है।’
मध्य प्रदेश की जनता ने भी यह देखा है कि सरकार में आते ही कांग्रेस ने भाजपा सरकार के समय की 51 योजनाओं को बंद कर दिया। कमलनाथ की सरकार ने योजनाओं के पैसे से टेंडर देकर सिर्फ कमीशन खाने का काम किया। मध्य प्रदेश में डेढ़ साल सत्ता में रहने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार की योजनाओं को ठप्प ही किया। किसान सम्मान निधि योजना को लागू नहीं होने दिया। मोदी जी के नेतृत्व और अमित शाह के मार्गदर्शन में शिवराज सरकार ने संबल योजना बनाई थी, लेकिन कमलनाथ सरकार ने उसे भी बंद कर दिया। बच्चों से लैपटॉप छीन लिए। तीर्थ दर्शन योजना बंद कर दी। कांग्रेस के समय दलालों और घूसखोरों का सरकार में बोलबाला था। जनता जानती है कि अगर कांग्रेस आ गई तो न लाडली रहेगी न बहना। कांग्रेस ने सिर्फ वादाखिलाफी की। किसानों का कर्ज माफ नहीं किया, युवाओं को बेरोजगार भत्ता नहीं दिया, जबकि मोदी-शाह की जोड़ी ने अपना किया हर वादा निभाया है।
मध्य प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कुछ ही महीने बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। चुनाव से पहले हर वर्ग तक पहुँचने और सियासी घमासान में जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह मैदान में उतर चुके हैं। हर चुनाव में शाह की तैयारियाँ, उनकी मेहनत और उनकी कर्मठता का अलग ही स्तर देखने को मिलता है। शाह, ना केवल खुद बल्कि बैठकों के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को भी प्रेरित करते हैं और चुनावी जीत के लिए दिन-रात काम करते हैं। चुनाव में विपक्षी को हराने का सटीक मंत्र यदि किसी नेता के पास है तो वह है अमित शाह। अमित शाह अपने आप में राजनीति की एक ऐसे स्कूल हैं, जिनसे ना केवल पार्टी बल्कि दूसरे दलों के नेता भी बहुत कुछ सीखते हैं।
आजादी के बाद से धारा 370 और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर कांग्रेस का रवैया नकारात्मक रहा। लेकिन मोदी जी के नेतृत्व और अमित शाह के मार्गदर्शन में धारा 370 को भी रद्द कर दिया गया और राम मंदिर मसले का समाधान भी हो गया। पिछले 9 सालों में मोदी-शाह की जोड़ी ने विश्व भर में देश का झंडा बुलंद किया है। आज देश समृद्ध और ताकतवर देशों की गिनती में आ रहा है। देश की आम जनता बदलाव की इस धारा को देख रही है। शाह की नीतियों, उनकी मेहनत, उनका हौसला और कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर लगता है कि 2023 में मध्य प्रदेश और 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की जीत सहित मोदी जी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय है।