जबलपुर दर्पण। संघ की जिला प्रभारी डॉ. नीलिमा ने बताया कि भोपाल में आयोजित अतिथि विद्वान की पंचायत में माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों के लिए वेतन, अवकाश एवं अन्य लाभ संबंधी घोषणाए की गई है, परन्तु उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों / नौकरशाहो द्वारा गलत व्याख्या करके इनका लाभ सिर्फ महाविद्यालयों में रिक्त पद के विरुद्ध कार्यरत अतिथि विद्वानों को दिलवाने की मंशा है, मंच से घोषणा करते समय मुख्यमंत्री जी द्वारा कोई भेदभाव नहीं किया गया परंतु उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों / नौकरशाह द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है, हमारी मांगे निम्न है 1. रिक्त पदों पर कार्यरत अतिथि विद्वानों के लिए बनाई जाने वाली नीति और निर्देश हम जनभागीदारी स्ववित्त अतिथि विद्वानों पर भी लागू किए जाए, 2. जनभागीदारी स्ववित्त अतिथि विद्वानों का कार्यकाल 12 माह करने का आदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया जाए, 3. जनभागीदारी स्ववित्त अतिथि विद्वानों का वेतनमान रिक्त पदों पर कार्यरत अतिथि विद्वानों के समान करने की व्यवस्था करने का आदेश जारी किया जाए, 4. स्ववित्त पाठ्यक्रमों में पद सृजन कर वर्तमान समय में कार्यरत जनभागीदारी स्ववित्त अतिथि विद्वानों का अधिग्रहण कर सृजित पदों पर हमें नियुक्त किया जावे, 5. जनभागीदारी स्ववित्त अतिथि विद्वानों को योग्यता के आधार पर भेद न करते हुए वेतनमान दिया जावे, 6. जनभागीदारी स्ववित्त अतिथि विद्वानों की समस्याओं के समाधान हेतु शासन स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जावे, इस अवसर पर डॉ. नीलिमा, डॉ. शैलेन्द्र भवदिया, डॉ. विजेंद्र विश्वकर्मा, डॉ. सुनीता सिंह, पूनम श्रीवास, श्रुति नायक, नेहा गुप्ता, अजय कुमार रजक, निधि पटेल कीर्ति पटेल, डॉ सविता तिवारी, डॉ मोनिका बबेले के साथ जिले के अन्य अतिथि विद्वान उपस्थित रहे।