विश्वास को भरोसे में बदलो तभी मिलेगे महादेव: सद्गुरूनाथ जी महाराज
जबलपुर दर्पण। नवरात्रि के पावन अवसर पर जबलपुर (मध्य प्रदेश) में सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा श्री मंगलम शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। शिवमहापुराण कथा में गुरूदेव द्वारा भगवान शिव की अलौकिक छवि का वर्णन किया गया। जिसे लोगों ने पूरे मनोभाव से सुना। जबलपुर के लोगों ने इस दिव्य आयोजन के लिए आयोजकों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।कथा में आए हुए काफी संख्या में लोग पहले से ही सद्गुरूनाथ जी महाराज के दिव्य प्रवचन से प्रभावित थे। कथा स्थल पर आई हुई सुमन वर्मा ने बताया कि मेरा पूरा परिवार सद्गुरूनाथ जी महाराज एवं इनकी संस्था के साथ विगत 5 सालों से जुड़ा हुआ है। जहां भी इनके शिवमहापुराण कथा का आयोजन होता है। हम जरूर जाते हैं। इनकी दिव्यवाणी में ऐसा जादू हैं लगता है इनको पूरे दिन सुनते ही रहें। साक्षात भोलेनाथ की कृपा इन पर है। इनके द्वारा चलाए जा रहे दुःख निवारण शिविर में भी हमलोगां ने भाग लिया है और हमें मानसिक परेशानियों से काफी हद तक छुटकारा मिल चुका है ये सब गुरूदेव की कृपा का ही चमत्कार है।
शिवमहापुराण कथा के चौथे दिन सद्गुरूनाथ ने बताया कि शिवमहापुराण में कुल 7 भाग संहिता है। इन संहिताओं में शिव महापुराण पाठ के नियम, विधि और पुराण पाठ के लाभ सहित शिव लीला की कथाएं हैं। इनके पाठ करने से शिव भक्त लोग और परलोक दोनों ही जगह सुख पाते हैं। गुरूवर ने कहा कि तुम्हें वो चाहिए जो तुम्हें अच्छा लगता है, भोलेनाथ तुम्हें वो देते हैं जो तुम्हारे लिए बिल्कुल अच्छा है। कभी भी भगवान के न्याय में दोषारोपण गलत है।कथा के दौरान सद्गुरूनाथ जी महाराज ने प्रेम पर भी प्रकाश डाला और कहा कि आज लोगों में प्रेम की अथाह कमी हो गई है, राहे-चलते लोग एक दूसरे के खून के प्यास हो जाते हैं। पति-पत्नी, भाई-भाई, सास-बहू में लगातार प्रेम की कमी होती जा रही है। जिससे हर परिवार टूटने के कगार पर है। हमलोगों को इस दिशा में काम करने की जरूरत है।