शासकीय कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाए
जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेष जागरूक अधिकारी कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष रॉबर्ट मार्टिन ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार द्वारा सुरू की गयी कैषलेैस मेडिक्लेम सुविधा का लाभ न मिलने से कर्मचारियों ने फिर सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ देने के लिए वित्त विभाग को मेडिकल राशि का निर्धारण करना था, परंतु इस विषय पर सरकार की मोहर नहीं लग पाई और कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
संघ ने आगे बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों के लिए शासन स्तर पर कैशलेैस मेडिक्लेम की सुविधा के संबध में अभी तक किसी भी प्रकार के आदेष जारी नहीं हुए हैं जिसकी वजह से गंभीर बीमारियों से पीड़ित कर्मचारी पैसों के अभाव में अपना इलाज नहीं करवा पा रहे है।
संघ ने आगे बताया कि प्रदेश के कई कर्मचारी गंभीर बीमारियों के चलते जैसे हार्ट, किडनी, शुगर, केंसर, लकवा और भी कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होकर अपना इलाज प्रायवेट हाॅस्पिटल में कराने मजबूर हैं कर्मचारियों ने कैशलैस उपचार योजना के अभाव के कारण अपना जी.पी.एफ का पैसा और पास में जोड़ा हुआ पूरा पैसा लगाने के बाद भी कमी पड़ने की वजह से साहूकारों से कर्ज लेकर अपना इलाज करवाते है क्योंकि इन गंभीर बीमारियों का इलाज बहोत मंहगा होता है और इन सभी बीमारियों के लिए लाखों रूपये खर्च होते हैं जिसकी वजह से प्रदेष के कर्मचारी कर्ज लेने मजबूर हो जाते हैं। जबकि कैषलेस मेडिकल इंष्योरेंस एक ऐसी पाॅलिसी है, जिसमें पाॅलिसी धारक को इलाज के लिए नगद भुगतान नहीं करना पड़ता है। बिलों के निपटारे के लिए अस्पताल और बीमा कंपनी के बीच सीधे ध्यान रखा जाता है जबकि प्रदेष सरकार ने यह घोषणा की थी की कैषलेस उपचार योजना का लाभ प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी दिया जाएगा। परंतु सरकार के ढुलमुल रवैये के चलतें आज तक प्रदेश के कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार योजना का/स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ का कोई आदेष जारी नही हुआ जिसकी वजह से गंभीर बीमारियों से ग्रसित कर्मचारी अपनी जमा पूंजी इलाज के दौरान फूंकने के बाद कर्ज लेने मजबूर है।
संघ के जिलाध्यक्ष-राॅबर्ट मार्टिन, जियाउरहीम, दिनेश गौड़, हेमंत ठाकरे, राकेष श्रीवास, गुडविन चार्ल्स , रऊफ खान, एनोज विक्टर, राजकुमार यादव, अषोक परस्ते, धनराज पिल्ले , सुनील झारिया, उमेष सिंह ठाकुर, सुधीर अवधिया, सुधीर पावेल, अफरोज खान, संतोष चैरसिया, आर.पी.खनाल, एस.बी.रजक, प्रदीप पटेल, योगेष ठाकरे, विरेन्द्र श्रीवास, सुखराम विष्वकर्मा, गोपीषाह, आषाराम झारिया, विनोद सिंह, सुनील स्टीफन, सरीफ अंसारी, वसुमुद्दीन, मुन्नालाल कतिया, राजेष सहारिया, विनय रामजे, चैतन्य कुषरे, आषीष कोरी आदि ने मुख्य मंत्री महोदय् से मांग की है कि प्रदेष के कर्मचारियों के लिए कैषलेस उपचार योजना हेतु आदेष जारी किये जाए।