रामचरित मानस में है सभी समस्याओं का निदान
श्रीराम मंदिर मदन महल में साधु-संतों की उपस्थिति में मास परायण पाठ का विश्राम
जबलपुर दर्पण। वर्तमान समय में मानस को जीवन में उतारकर परिस्थितियों से मुकाबला करने की नितांत आवश्यकता है। भारतीयता की शिक्षा है कि हम कर्तव्यों का पालन करते हुए राष्ट्रीय अस्मिता को संरक्षित करें। श्रीराम जी की आदर्श भावना है कि जननी से जन्मभूमि बड़ी है।
भारतीय कभी संपत्ति- अधिकारों- मूल भावना पर अतिक्रमण नहीं किया। भारतीय संस्कृति और संस्कारों के साथ भारत भूमि पर लगातार आक्रमणकारी ताकतों ने आक्रमण कर मिटाने की चेष्टा की लेकिन कभी कोई भारतीय सनातन संस्कृति को मिटा नहीं पाया क्योंकि भारत वासी सभी कष्टों को दूर करने सिर्फ इष्ट देव पर विश्वास करते हैं, कभी किसी के अधिकारों को छिनते नहीं।
भारतीय संस्कृति और चरित्र का सबसे बड़ा उदाहरण अयोध्या का संचालन श्रीराम के मानसिक रूप मार्गदर्शन में भरत ने चलाया। मानस में सभी समस्याओं का हल है – बाबा कल्याणदास जी भारत भूमि से जीव को प्रकृति से जुड़कर जीवन जीने का संदेश देता दिया है, वर्तमान में आई विकृत मानसिकता को सुधारने मानस को जीवन चर्या में उतारने की आवश्यकता है – स्वामी नरसिंह दास जी ने कहे प्रति वर्ष अनुसार परम श्रद्धेय दीदी ज्ञानेश्वरी दीदी जी के संरक्षण मे ब्रह्मर्षि मिशन समीति एवं श्री राम मन्दिर मदन महल के संयुक्त तत्वावधान मे गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज जी की जयंती के अवसर पर श्री राम चरित मानस के मासपरायण पाठ का विश्राम हुआ।
सभी भक्त जनों ने 17 अगस्त से अपने निवास मे पाठ आरम्भ किया था अंतिम मास परायण का पाठ श्री राम मन्दिर मे सामुहिक रूप से किया।
समापन कार्य क्रम में पूज्यनीय बाबा कल्याण दास, स्वामी नरसिंह दास जी, साध्वी दीदी ज्ञानेश्वरी , साध्वी मैत्री, साध्वी अर्चना, दीदी शिरोमणि, पं राम कुशल पांडे, नगर की महान संत विभूतियों के आशीर्वाद अमृत वचन प्राप्त हुआ।
प्रवचन के पश्चात श्री राम चरित मानस आरती एवं भंडारा प्रसादी वितरण किया गया।
इस अवसर पर गुलशन मखीजा,सांवल दास खत्री, श्याम साहनी,डॉ अखिलेश गुमाश्ता, संदीप जैन, गीता पांडे, प्रेम गुलाटी, वीणा कक्कड़, नीलम, मीना महाजन, प्रतिभा भापकर, निशा राठौर, नीरा मखीजा,वीणा तिवारी, गीता शरत तिवारी,के के शुक्ल, प्रवेश खेड़ा, विष्णु पटेल ब्रह्मार्षि मिशन समिति ,श्री राम मन्दिर, मदन महल ,श्री राम मन्दिर महिला मंडल के सदस्यों और श्रृद्धालुओं ने पूजन अर्चन आरती कर महाप्रसाद भोग भंडारा ग्रहण किया।