जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन

जबलपुर दर्पण। 31 मई 2024 विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर कटंगी बाईपास पर स्थित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र जबलपुर में रक्तदान शिविर एवं व्याख्यान का आयोजन किया गया | नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती मरीजों को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के बारे में बताया गया | संस्था संचालक मनोहर सेन एवं काउंसलर शीला पटेल मैडम और साइकोलॉजिस्ट दिव्यानी वासवानी ने तंबाकू, सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। यह कई गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग आदि का कारण बन सकता है। इन बिमारियों के बारे में जानकारी होने के बावजूद भी लोग इसका सेवन करते हैं। एक रिपोर्ट में पाया गया कि तम्बाकू से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल लगभग 6 मिलियन लोगों की मौत होती है। अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर 8 मिलियन से अधिक भी हो सकता है। इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा हर साल मई के अंत में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी। डब्ल्यूएचओ का उद्देश्य है 2030 तक तंबाकू के सेवन को 30% कम करना।

फेफड़ों का कैंसर – फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को ही माना जाता है।

लिवर कैंसर – लिवर कैंसर के कारण भारत में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं।

कोलन कैंसर – तंबाकू का सेवन करने से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

मुंह का कैंसर – मुंह के कैंसर से भारत में पुरुष के नहीं बल्कि महिलाएं भी जूझ रही हैं। तंबाकू का सेवन करने के कारण कई लोगों के मुंह से बोलते वक्त थूक भी निकलने लगता है।

ब्रेस्ट कैंसर – तंबाकू का सेवन करने के कारण महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

हृदय रोग – तंबाकू का सेवन करने से हृदय रोग जैसी बीमारी हो जाती है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन – तंबाकू का सेवन करने के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का जोखिम कई गुना तक बढ़ जाता है। यह पुरुषों में होने वाली एक ऐसी समस्या है जो इरेक्शन को ठीक तरह से नहीं होने देती है।
डायबिटीज का खतरा बढ़ जाना – तंबाकू का सेवन करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू से होने वाली परेशानियाँ / तंबाकू खाने से क्या परेशानी होती है / तंबाकू से होने वाली हानियां –
तनाव रहना।
थकान रहना।
भूख न लगना।
सांस लेने में परेशानी।
कैंसर होने का खतरा।
गले से जुड़ी समस्या होना।
लंबे समय तक खांसी होना।
ठीक प्रकार से नींद न आना।
कभी-कभी खांसते समय खून आना।
इस अवसर पर संस्था के संचालक मनोहर सेन, आशीष श्रीवास, डॉ दिनेश श्रीवास्तव, शीला पटेल, दिव्यानी वशिनी, अंकुर सेन, ऋषि साहू, दीपेश सेन उपस्थित थे|

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