जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

जबलपुर में दस्तक अभियान का जिला स्तरीय शुभारंभ

जगत बहादुर सिंह अन्नू द्वारा स्वास्थ्य केंद्र स्नेह नगर में बच्चों को विटामिन ए खुराक पिलाया

जबलपुर दर्पण। 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण एवं बाल्यकालीन बीमारियों को चिन्हित करने के उद्देश्य को लेकर आज से घर-घर दस्तक अभियान प्रारंभ हुआ, इसका जिला स्तरीय शुभारंभ जबलपुर नगर निगम के महापौर माननीय श्री जगत बहादुर सिंह जी अन्नू के द्वारा बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर किया गया। दस्तक अभियान 25 जून से 27 अगस्त 2024 तक चलेगा।महापौर माननीय श्री जगत बहादुर सिंह जी अन्नू ने शुभारंभ अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा की दस्तक अभियान शासन की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है इसको मूर्त रूप देने के लिए दस्तक दलों को जमीनी स्तर पर सर्वे कर सही जानकारी एकत्रित करना और कुपोषित एवं बीमार बच्चों की लाइन लिस्टिंग की जानी चाहिए तथा गंभीर कुपोषित बीमार बच्चों को तुरंत उपचार कर चिकित्सीय लाभ दिलाना चाहिए। इस जिला स्तरीय शुभारंभ अवसर पर भोपाल से विशेष रूप से आयीं राज्य कार्यक्रम अधिकारी (एनआई) डॉ तुहिना वर्मा,जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर.के. व्यास, डॉ विनीता उप्पल,जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ विनोद गुप्ता,अर्बन नोडल अधिकारी डॉ एस एस दाहिया, जिला मीडिया अधिकारी अजय कुरील, संस्था प्रभारी डॉ विशाखा सिंह, एपीएम संदीप नामदेव, विकास श्रीवास्तव, सोनसिंह सोनगोत्रा सहित संस्था का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि बाल मृत्यु प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा प्रतिवर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। यह अभियान वर्ष में दो बार आयोजित किया जाता है। अभियान के प्रथम चरण में पांच वर्ष तक की आयु के समस्त बच्चों की चिकित्सकीय जांच कर बीमारियों की पहचान एवं त्वंरित उपचार/प्रबंधन पर बल दिया जाता है। इसी तारतम्य में वर्ष 2024-25 में दस्तक अभियान के प्रथम चरण में 25 जून से 27 अगस्त की अवधि में आयोजित किया जायेगा। इस दौरान स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं के संयुक्त दल द्वारा पांच वर्ष तक के बच्चों के घर-घर जाकर उनकी चिकित्सकीय जांच एवं आवश्यक उपचार/प्रबंधन सुनिश्चत करने हेतु गतिविधियां संचालित की जायेंगी।
जिला टीकाकरण अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ विनोद गुप्ता ने बताया कि इसमें समुदाय में बीमार नवजातों और बच्चों की पहचान प्रबंधन एवं रेफरल, पांच वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान रेफरल एवं प्रबंधन, छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रोटोकाल आधारित प्रबंधन, नौ माह से पांच वर्ष तक के समस्त बच्चों को आयु अनुरूप विटामीन ‘ए’ अनुपूरण, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओआरएस एवं जिंक के उपयोग संबंधी सामुदायिक जागरूकता में बढ़ावा एवं प्रत्येक घर में गृह भेंट के दौरान सघन दस्त रोग पखवाड़ा (आई.डी.सी.एफ.) गतिविधि के अंतर्गत ओआरएस व ज़िंक गोली पहुंचाना, पांच वर्ष से कम उम्र के रेफरल बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान प्रबंधन एवं रेफरल, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलंब की पहचान एवं उनका आरबीएसके कार्यक्रम से संबद्धीकरण करना, पांच वर्ष तक की आयु वाले बच्चों में श्रवणबाधिता एवं दृष्टिदोष की पहचान/पुष्टि कर आरबीएसके, कार्यक्रम में पंजीयन कर उपचारित कराना, समुदाय में ‘समुचित शिशु एवं वाल आहार-पूर्ति संबंधी समझाईश समुदाय देना, एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फॉलोअप कों प्रोत्साहन, गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुए बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी लेना आदि शामिल है।

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