भारतीय संस्कृति के संवाहक सेठ गोविंददास

129वें जन्मोत्सव पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन
जबलपुर दर्पण। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महाकोशल के प्रथम राज्यसभा सांसद पद्मभूषण डॉ. सेठ गोविंददास जी के 129वें जन्मोत्सव पर शहीद स्मारक, गोल बाजार में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उनके राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान को स्मरण किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने सेठ गोविंददास जी के योगदानों की सराहना करते हुए कहा कि वे न केवल स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी थे, बल्कि उन्होंने हिंदी और देवनागरी लिपि को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद योगेश चंद उपरीत ने कहा कि गोविंददास जी का जीवन और कृतित्व भारतीय संस्कृति के संवाहक के रूप में एक आदर्श प्रस्तुत करता है। उन्होंने संसद में हिंदी के पक्ष में मजबूती से अपनी बात रखी, जिससे आज हिंदी और देवनागरी लिपि हमारी राष्ट्रीय पहचान बन चुकी है।
इस अवसर पर सेठ गोविंददास स्मारक समिति और महाकोशल शहीद स्मारक ट्रस्ट के तत्वावधान में गोविंददास जी के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसमें उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, जेल यात्राओं और साहित्यिक व सांस्कृतिक योगदान को दर्शाया गया। साथ ही साहित्यिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया गया और पोस्टर एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक शेखर चौधरी, हितकारिणी सभा की उपसभापति सुनयना पटेरिया, सभा के सचिव बाबू विश्वमोहन और अन्य प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति में कार्यक्रम की अध्यक्षता हितकारिणी सभा के सभापति राजेश अग्रवाल ने की।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, सेठ गोविंददास स्मारक समिति के अध्यक्ष नित्यनिरंजन खंपरिया, मदन तिवारी, पूर्व विधायक संजय यादव, और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। समारोह में बुद्विजीवी वर्ग, साहित्यकार, पत्रकार, और युवा वर्ग ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।