खास खबरजबलपुर दर्पणमध्य प्रदेशस्वास्थ्य/सेहत दर्पण

आखिर क्यों सौतेले व्यवहार का शिकार हो रहे हैं संविदा स्वास्थ्य कर्मी।

सरकार के वादे छलावा साबित हो रहे हैं।

जबलपुर। कोरोना काल में विषम परिस्थितियों में काम कर रहे संविदा कर्मियों की सुध लेने वाला कोई नहीं। वे अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे हैं लेकिन उनकी तकलीफों पर कब संज्ञान लेंगे सरकार। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर दिनांक 7 अगस्त 2020 को के तहत प्रदेश भर में आधी रोटी और थाली के साथ किया प्रदर्शन।
कोरोना से दिनरात जंग लड़ रहे प्रदेश भर के 19000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी किया प्रदर्शन

संविदा चिकित्सक, नर्स,फार्मासिस्ट,लैब टेक्नीशियन, एएनएम,प्रबन्धनइकाइयां,ऑपरेटर,आयुष,एड्स,टीबी परियोजना के समस्त कर्मचारी होंगे शामिल थाली में आधी रोटी के साथ किया प्रदर्शन

नियमितीकरण न किये जाने एवं 5 जून 2018 सामान्य प्रशासन की संविदा नीति,नियमित समकक्ष पद 90 प्रतिशत वेतनमान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 2 साल बीत जाने के बाद भी लागू न होने से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश

कोविड 19 में ड्यूटी के दौरान 6 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हुई आकस्मिक मृत्यु,स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी शहीद कोरोना योद्धा के परिवार को 50 लाख रुपये व अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गई

मुख्यमंत्री कोविड 19 कल्याण योजना से भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं वंचित,नहीं दी जा रही 10,000/- की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि बिनाबीमा,पेंशन,अनुकम्पा,सामाजिक सुरक्षा,मंहगाई-दैनिक भत्ते और नियमित की तुलना में आधे वेतन में कर रहे हैं काम

सरकार पर आरोप- भाजपा सरकार द्वारा स्वयं अपनी सरकार के द्वारा निर्मित और पारित हो चुके नियमों का पालन कराने में पूर्णतः नाकाम और असफल है सरकार

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष माननीय सौरभ सिंह चौहान के आह्वान पर आज प्रदेश प्रदेश सिंह चौहान के आह्वान पर आज प्रदेश प्रदेश के51 जिलो 19000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयो ने ने खाली थाली और आधी रोटी के साथ प्रदर्शन किया। विगत वर्षों में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने 42 दिन की हड़ताल की थी जिसके उपरांत सरकार ने 5 जून 2018 को संविदा नीति बनाई थी परंतु जिस बैनर तले यह हड़ताल हुई थी उसी संगठन को छोड़कर 13 विभाग के अन्य संविदा कर्मचारियों को संविदा नीति 2018 के तहत 90% की नीति लागू कर दी गई है। परंतु संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को अब तक इस नीति से वंचित है ।पूर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान द्वारा संविदा को शोषण की नीति मानते हुए 5 जून संविदा 2018 की नीति लागू की थी परंतु अधिकारियों की हठ धर्मिता के कारण स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों को अब तक यह नीति लागू नहीं हो पाई है। वर्तमान में काल में सभी संविदा कर्मचारी आगे आकर कार्य कर रहे हैं ।स्वास्थ्य विभाग में 6 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों मृत्यु भी हुई है, जिससे आज तक मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना योद्धा मानते हुए आज तक कोई भी लाभ नहीं दिया गया। संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि कोरो ना काल में 6 संविदा कर्मचारियों जिनकी काम के दौरान मृत्यु हुई है उनको तुरंत संविदा बीमा योजना के तहत लाभ प्राप्त और इनके परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page