जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेशशिक्षा दर्पण

पूरे उत्साह के साथ मनाया गया आदिवासी दिवस।

पूरे उत्साह के साथ मनाया गया आदिवासी दिवस।

इंसान को इंसान से प्यार होना चाहिए।

जबलपुर। धरती पर जन्म लेने वाला हर प्राणी, उसी तरह जीवन जीने का अधिकार रखता है। जिस तरह आप और हम। ईश्वर ने हर किसी को अपने नैसर्गिक जीवन में खुश रहने, और आत्मसम्मान के साथ अपना जीवन जीने का अधिकार दिया है। लेकिन फिर भी समय के साथ, यह अधिकार सीमित वर्ग तक सिमट कर रह गए है।

जरूरत है अपनी गरिमा को समझने की, और उसे बनाए रखने की।

आदिवासी उरांव, मुंडा,खड़िया समिति जबलपुर के तत्वाधान में 8 अगस्त 2021 को, सिविल लाइन स्थित सेंट थॉमस स्कूल के हॉल में, विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। इसमें मुख्य अतिथि फादर संजय कुजूर रहे और अन्य गणमान्य अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय बिरसा मुंडा और परमवीर चक्र विजेता, अल्बर्ट एक्का के तैल चित्र पर माल्यार्पण के साथ की गई। इसके बाद विभिन्न प्रकार के आदिवासी नृत्य और लोकगीतों के माध्यम से,लोगों को आदिवासियों की परंपरा और रहन-सहन की झलक दिखलाई गई। कोरोनावायरस चलते लगे लाकडाउन में, पिछले वर्ष ऑनलाइन माध्यम से, कई प्रतियोगिताएं सभी वर्गों के लिए आयोजित की गई थी। इस वर्ष इन प्रतियोगिताओं में चयनित उम्मीदवारों को, पुरस्कार की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इस वर्ष भी प्रतियोगिता में आदिवासी वेशभूषा, भाषा, संस्कृति, कार्यक्रम, गीत संगीत की सुंदर-सुंदर प्रस्तुत की गई। इसमें जबलपुर के सभी आदिवासी भाई बहनों ने, उत्साह पूर्वक भाग लेकर आदिवासी दिवस को सफल बनाया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा, कि जल जमीन और जंगल को बचा कर रखना और अपने संस्कृति को बनाए रखने में बल दिया जाना चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि बच्चों को सही शिक्षा देने की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आदिवासी समाज के अध्यक्ष विपिन कुजूर,अजय इक्का, पीयूष इक्का,विजय लकड़ा, लुईस टोप्पो, अधनस तिर्की,प्रदीप लकड़ा,बर्सिल तिर्की, कुलदीप, हेमंत इक्का, अंजना लकड़ा,प्रदीप बड़ा, एडवर्ड टोप्पो, सुनीता कुजुर,उषा लकड़ा, साइलोन कुजूर की उल्लेखनीय भूमिका रही।

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