जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

सामाजिक कार्यकर्ता के साथ हुई अभद्रता पर भड़के समाजसेवी

जबलपुर। समाजसेवी के साथ हुए अभद्र व्यवहार से जबलपुर के समस्त समाजसेवी आक्रोशित हो उठे। जिसके बाद संस्कारधानी में रक्तदान के क्षेत्र में काम करने वाली समस्त सामाजिक संस्थाओं ने गुरूवार को एल्गिन अस्पताल में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं के डॉ संजय मिश्रा को एल्गिन अस्पताल के ब्लड बैंक की कर्मी पुष्पलता हैरीसिन के द्वारा समाजसेवी राहुल तिवारी के साथ किए गए अभद्र व्यवहार की शिकायत की।
इस संबंध में जबलपुर की समस्त सामाजिक संस्थाओं से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता एल्गिन अस्पताल परिसर में एकत्रित हुए और संबंधित कर्मी के द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता के साथ हुए अभद्र व्यवहार की निंदा की। जिसके बाद क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ संजय मिश्रा ने सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं से चर्चा की और उन्हें यह आश्वासन दिया कि अभद्रता करने वाले कर्मी के विरुद्ध अनुशानात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिसके बाद सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुन: रक्तदान के लिए करना शुरू कर दिया। इस दौरान जबलपुर की समस्त सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारीगण मौजूद रहे।

यह था पूरा मामला-गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता राहुल तिवारी मार्बल सिटी अस्पताल में भर्ती सरीता यादव नाम मरीज के प्लेटलेट्स 4 हजार होने के कारण एल्गिन अस्पताल  के ब्लड बैंक में एसडीपी कराने के लिए डोनर के साथ पहुंचे हुए थे, वहां पर पदस्थ पुष्पलता हैरीसिन के द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता राहुल तिवारी के साथ अभद्रता करते हुए कहा गया कि एक ही किट बची हुई है, जो उनके स्टॉफ के लिए है, वहीं उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता से यह भी कहा कि वह बार-बार डोनर के साथ ब्लड बैंक क्यों आते हैं, आज के बाद वह एल्गिन ब्लड बैंक में न दिखे। इस तरह से सामाजिक कार्यकर्ता के साथ ब्लड बैंक में पदस्थ कर्मी के द्वारा अभद्रता की गई। जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ लिया।

परिजन रोए तब जाकर बन पाई एसडीपी-वहीं मार्बल सिटी अस्पताल में भर्ती सरित यादव के परिजनों ने बताया कि जब वह हाथ-पैर जोड़कर गिड़गिड़ाते हुए रोने लगे तब जाकर करीब दो घंटे बाद उनकी एसडीपी बनना शुरू हुई, परिजनों कहा कि हैरीशन मेडम के द्वारा समाजसेवी राहुल तिवारी के साथ करीब दो घंटे तक बहस की जा रही थी, इस वजह से उनकी एसडीपी बनने में दो घंटे का और अतिरिक्त समय लगा है, इस बीच उनके परिजन को कुछ हो जाता तो यह किसी जबावदारी होती है।

प्रबंधन की लापरवाही हुई उजागर-अगर एल्गिन अस्पताल ब्लड बैंक में एसडीपी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली एक ही किट बची थी, तो क्या प्रबंधन ने डेंगू के इस विकट संकट के बीच में पहले से अतिरिक्त किट क्यों नहीं बुलाई, जो एल्गिन अस्पताल की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचन्हि अंकित करता है। जबकि प्रबंधन को इतनी महत्वपूर्ण किट को अतिरिक्त रूप से स्टॉक करके रखना चाहिए, जिसके न होने से कहीं न कहीं एल्गिन अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह अंकित होता है।

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