मध्य प्रदेशशहडोल दर्पण

तो ऐसे होगा विकास कार्य, गुणवत्ता से परहेज

 विनय मिश्रा शहडोल। ग्राम पंचायतों की भर्रेशाही कोई आमबात नही बल्कि अखबारों और चैनलों की सुर्खियों में प्रायः ही किसी न किसी ग्राम पंचायत के विकास के चर्चे होते रहते हैं आलम यह है कि इस धाँधली में न सिर्फ पंचायत के छोटे कर्मचारी बल्कि सीढ़ी दर सीढ़ी जिम्मेदारों की एक परत है जहां विकास के हर कार्य मे पंचायतों के सचिव से शुरू होकर इंजीनियर ,एसडीओ,सीईओ सभी के अपने-अपने खेमें की हिस्सेदारी तय रहता है जिस कारण विकास कार्य मे ग्रहण की छाया बिखरती रहती है
बुढार।।
ऐसा ही एक मामला शहडोल जिले के बुढार जनपद क्षेत्र के मंजीरा पंचायत का है जहां रोजगार सहायक द्वारा पंचायत के कार्यो में धाँधली तो की ही जा रही है सांथ ही पंचायत के कार्यो में खुद के वाहन से चोरी की रेत खपाई जा रही है जहाँ पूरे जिले में  विकास कार्यों के लिए रॉयल्टी की रेत खपाई जा रही है वहीं जीआरएस द्वारा सड़क निर्माण से लेकर पुलिया निर्माण कार्य मे कुठली नाला की रेत खपाई जा रही है

खुद के वाहन से नालों से निकल रही रेत

ग्राम पंचायत के दर्जनो विकास कार्य रोजगार सहायक द्वारा ही तय किए जाते हैं ग्राम पंचायत में सचिव के होते हुए भी जीआरस की तूती बोलती है यही नही बीते दिनों हुए सीसी सड़क निर्माण कार्य मे भी चोरी की रेत तो खपाई ही गई सांथ ही सड़क की गुणवत्ता से भी छेड़छाड़ किया गया सड़क निर्माणाधीन काल मे ही दरारें पड़ गई और उसे सम्बंधित इंजीनियर द्वारा आल इज वेल भी कर दिया गया

पुल पे लगे राडो और रिंग पे सवाल

जानकारों की मानें तो किसी भी पुलिया में आधार और बीम में प्रयोग होने वाले रॉड लगभग 10mm से ऊपर या फिर यूँ कहें कि 12mm तक का रॉड प्रयोग किया जाता है सांथ ही रिंग में होने वाले गैपिंग कि एक निश्चित मात्रा तय की जाती है इन सारे मापदंडों के विपरीत कार्य होने के बाद भी कार्य को ओके की तर्ज पर खत्म कर दिया गया

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page