मध्य प्रदेशशहडोल दर्पण

आधी रात दस्तावेजों के कशमकश में उलझे रहे परिक्षेत्र सहायक

सहायक परिक्षेत्र अधिकारी के कारनामे धनगवाँ से गुलजार हो रहे हैं कभी इनके रेत,कोयला माफियाओं के सांठगांठ मुख्यालय तक चर्चाओं में था तो इस कड़ी में इन्हें निलंबित भी किया गया सहायक परिक्षेत्र अधिकारी का यह सिलसिला यहीं खत्म नही हुआ बल्कि हरदी परिक्षेत्र पहुंचते ही इन्होंने अपने पुराने हथकण्डे अपनाने की कवायद शुरू कर दी बीती रात लकड़ियों से भरे वाहन के वैध दस्तावेज होने के बाद भी लकड़ी कारोबारियों को बर्दी का रौब झाड़कर घन्टो तँग किया गया।

शहडोल।।बुढार,विनय मिश्रा।वन अमला ने आधी रात को लकडियों का परिवहन करते एक ट्रक को पकडा़। यह मामला वन परिक्षेत्र बुढार अंतर्गत करकटी का है, बताया गया है कि बीती रात को गस्त के दौरान बुढार रेंजर ने सीजी 15 एसी 1424 को रूकवाया जिसके पास मौके पर लकडी़ परिवहन का कोई दस्तावेज नही था, जिसे करकटी वन चौकीं मे खडा़ कराया गया। पर उस वक्त कोई कार्यवाही नही क़ी गई और पूरी रात गाड़ी को वन रक्षक निवास के पास खड़ा करके रखा गया सवाल यह है कि अगर गाड़ी में दस्तावेजों की कमी थी तो कार्यवाही होना था अगर दस्तावेज थे तो गाड़ी को तुरंत भी रवाना किया जा सकता था

कहीं मैनेजमेंट का खेल तो नही हुआ

परिक्षेत्र सहायक के बेतुके जवाब से बड़ा उलझन सा महसूस होता है कि क्या कोई इतनी भारी मात्रा में लकड़ियों का व्यापार करने बिना दस्तावेज के ही निकल गया और अगर बिना दस्तावेज के निकला भी तो क्या वह दस्तावेज शोषल मीडिया के जरिए नही सम्बंधित चालक या अधिकारी तक नही पहुंच सकता था या फिर कहीं मैनेजमेंट के खाके के आगे रात भर वाहन को खड़ा किया और एक उचित दर तय करके वाहन को छोड़ दिया गया

क्या कहते हैं सहायक परिक्षेत्र अधिकारी

वही डिप्टी रेंजर हरदी ने बताया कि उक्त वाहन डिण्डोरी से लकडी लेकर शहडोल टाल जा रहा था, मौके पर ड्राइवर के पास परिवहन संबंधी कोई कागजात नही थे इसलिए वाहन खडा़ करा लिया गया था, दोपहर में दस्तावेज जमा करने के बाद मौका पंचनामा बनाकर गाडी को छोड़ दिया गया है।
संशय इस बात पर है कि वैध दस्तावेज थे तो गाड़ी क्यों खड़ी क़ी गई यहा सोचने वाली बात है वही जब इसकी जानकारी मीडिया डिप्टी रेंजर से ले रहे थे तभी वहाँ मौजूद वन रक्षक सुधाकर मीडिया पर भड़क गए और अपशब्द भाषा का प्रयोग करने लगे वही गाड़ी मालिक ने आरोप लगाया कि जब सब दस्तावेज सही थे तो गाड़ी क्यों खड़ी क़ी गई।

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