श्रीकृष्ण की लीलाओं में चराचर जगत को जोड़ने का संदेश : स्वामी अशोकानंद
जबलपुर दर्पण। भगवान श्री हरि मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने स्वंय पितृ तर्पण विधि विधान से किया था । जीव की आत्म शांति के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध अवश्य करना चाहिए । श्री कृष्ण की लीलाओं में चराचर जगत को जोड़ने की शिक्षा मिलती है। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मनन चिंतन से संसार की समस्त समस्याओं का समाधान हो जाता है। श्रीमद्भागवत वेद पुराण मात्र नहीं है साक्षात श्रीहरि का वाग्मंय स्वरूप है । श्रीमद्भागवत कथा जीव के सप्त दिवसीय जीवन को महोत्सव बनाती हैं ।
उक्त उद्गार नर्मदा मैया के तट पर भागवताचार्य स्वामी अशोकानंद जी महाराज ने श्री भक्ति धाम सेवा समिति, भागवत सेवा समिती के तत्वावधान में भक्ति धाम ग्वारीघाट में श्रीमद्भागवत कथा में पितृ पक्ष के पंचम दिवस , नंदोत्सव, श्रीकृष्ण बाल लीलाओ की कथा में कहे।
श्रीमद्भागवत पुराण, महाराज जी का पूजन अर्चन आरती पं वेदांत शर्मा, अरूण शर्मा, करिश्मा शर्मा, पं आशीष लालू महराज, पं पुष्पराज तिवारी, पप्पू लालवानी, विजय पंजवानी, उमेश पारवानी, घनश्याम, जगदीश दीवान सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त जनों की उपस्थिति रही। आज श्रीमद्भागवत कथा सायं 4 बजे से प्रारंभ होगी।