स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस चालक:करने लगे मरीजो की मौत की पुष्टि
मौत पे लगा प्रश्न चिन्ह,पीड़ित परिवार ने लगाई शासन प्रशासन से गुहार।
जबलपुर दर्पण नप्र। जिले की सिहोरा तहसील के शासकीय सिविल अस्पताल का बड़ा ही शर्मसार करने का मामला सामने आया है 65 वर्षीय बुजुर्ग को जबलपुर रिफर करने और बीच रास्ते में उसकी मौत हो जाने पर लगा प्रश्न चिन्ह। क्या है मामला और क्यो लगा प्रश्न चिन्ह- सिहोरा शासकीय अस्पताल में पिछ्ले माह 16/09/2022 की रात्रि लगभग 12 बजे के दौरान ग्राम जुनवानी ग्राम पंचायत कचनारी निवासी गेंदलाल चौधरी पिता खिलावान चौधरी उम्र 65 वर्ष की तबीयत खराब होने की वजह से उसके परिजनों ने उसे सिहोरा शासकीय सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान मरीज की तबीयत बिगड़ने के कारण उसे जबलपुर मेडिकल अस्पताल रिफर कर दिया जिसे सरकारी एम्बुलेन्स के द्वारा एक हजार रुपये की रोगी कल्याण समिति की रसीद बुक क्रमांक 3 पेज संख्या 39 वित्तीय वर्ष 2019/2020 जबलपुर पहुचाने के लिये चार्ज लेकर रवाना किया एंबुलेंस बुढागर बाइपास पर पहुची ही थी कि परिजन को लगा शायद बुजुर्ग की सांस थम गई परिजन वही रोने लगे जैसे ही एम्बुलेन्स चालक को मरीज के परिजन की रोने की आवाज आई तो चालक एम्बुलेन्स वापिस लौटा कर खितौला मोड़ पर आकर रुक गए। इतना ही नहीं जब पीड़ित परिवार के सदस्य ने कहा कि मुझे यहाँ क्यो उतार रहें हों आप मुझें अस्पताल लेकर चलो डॉक्टर को मरीज की मृत्यु की पुष्टि तो करने दो लेकिन एम्बुलेन्स चालक ने जाने से मना कर दिया और कहा आप कोई और गाडी की व्यवस्था करे। जब पीड़ित परिवार ने कहा कि इतनी रात में कौंन जायेगा तब चालक ने कोई परिचित वाले को बुलाया और 2000 हजार रुपये मे गाव छोड़ने की बात की। और मरीज को चैक कर के बोला इनकी मौत हो चुकी है अस्पताल जाएंगे तो और ज्यादा पैसा लगेगा आप इन को सीधे घर ले जाइए तब पीड़ित परिवार ने 1500 रुपये मे ले जाने की बात तय करके एम्बुलेन्स गाडी एमपी 20 DA 2639 रात 1 बजे के बाद गाव छोड़ने गया।अब सवाल उठता है क्या मौत की पुष्टि की किसी डाक्टर के द्वारा की गई या फिर एम्बुलेन्स के चालक ने ही बुजुर्ग की मौत की पुष्टि कर दी,चालक अस्पताल क्यों नहीं गया चालक को निजी स्वार्थ के लिये गरीब परिवार को दुख के समय परेशान करना क्या जायज था। यह घटना स्वास्थ्य विभाग के लिए शर्मसार करने वाली है। पीड़ित परिवार की मांग है किसी गरीब के साथ इस तरह की घटना दोबारा न हो शासन प्रशासन से माग है कि घटना की जाँच कर दोषियों पर सख्त कार्यवाही करे जिससे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो।