गुरु तेग बहादुर जी की शहादत ने इतिहास की धारा बदल दी
जबलपुर दर्पण। औरंगजेब के अत्याचारों से जब देश भर में हाहाकार मच गया तब हिंदू हिंदुत्व और हिंदुस्तान की रक्षार्थ सिखों के नवमें गुरु तेग बहादुर जी ने अपना महान बलिदान देकर देशवासियों में साहस का संचार किया और खोए हुए स्वाभिमान को जगाने का भरसक प्रयास किया। गुरु तेग बहादुर जी की शहादत ने हिंदुस्तान के इतिहास की धारा को बदल दिया। खालसा पंथ का सृजन हुआ और सेनाओं का गठन हुआ जिसने दुश्मन को करारी शिकस्त देकर भारतीय धर्म और संस्कृति की रक्षा की ।
तदाशय के सारगर्भित एवं प्रेरक उद्गार मशहूर रागी जत्था भाई अमरजीत सिंह तान अमेरिका ने गुरुवाणी कीर्तन के दौरान गुरुद्वारा प्रेम नगर में आयोजित श्री गुरु तेग बहादुर जी शहीदी दिवस पर व्यक्त किए। वे गुरु वाणी का मधुर गायन कर रहे थे”तिलक जंजू राखा प्रभु तां का कीनो बडो कलु में साका, धर्म हेतु साका जिन कीया सीस दिया पर सिरर ना दीया”.
अमृतसर पंजाब से पधारे गुरुवाणी कथाकार ज्ञानी दविंदर सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जहां महान योद्धा और तलवार के धनी थे वही महान संत भी थे। उनके द्वारा रची गई गुरबाणी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में शिद्दत के साथ दर्ज है। उन्हें हिंद की चादर का सम्मान दिया गया है ।
रागी जत्था भाई हरिंदर सिंह अलवर राजस्थान, भाई प्रगट सिंह गुरदासपुर पंजाब, बीबी मौसमी नंदी एवं साथी तथा सिख नारी मंच आदि द्वारा गुरु जी की महिमा में गुरबाणी शबद कीर्तन एवं गीत पेश किए गए ।
पूर्व राज्य मंत्री श्री हरेंद्र जीत सिंह बब्बू, केंद्रीय गुरु सिंह सभा मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रधान अजीत सिंह सीटू, सिख यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष दलबीर सिंह जस्सल, सुरेंद्र सिंह खनूजा जबलपुर सिख संगत के प्रधान मनोहर सिंह रील एवं युवा सिख संगठन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष जीत सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरु घर में माथा टेक कर श्रद्धांजलि अर्पित की । गुरु का लंगर दिनभर वितरित किया गया जिसे हर वर्ग धर्म और जाति के श्रद्धालुओं ने एक साथ पंगत में बैठकर ग्रहण किया। अपराहन 3:00 बजे मुख्य ग्रंथी बाबा हरजीत सिंह खालसा ने विश्व शांति और सर्वत्र के भले की विशेष अरदास प्रार्थना संपन्न करवाई। तदुपरांत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के मुखवाक आदेश के श्रवण के उपरांत कड़ाह प्रसाद वितरण के साथ आयोजन का सोल्लास समापन हुआ । आयोजक सिख सेवक जत्था के प्रधान श्री गजेंद्र सिंह बंगा ने आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री मनमोहन सिंह सलूजा ने किया ।
रात्रि कालीन कीर्तन दरबार पाठ श्री रहिरास साहिब के साथ आरंभ हुआ जो देर रात गए 12:00 बजे समाप्त हुआ यहां सभी ने दूध चाय और पकोड़े का लंगर ग्रहण किया । आयोजन की सफलता में विभिन्न सेवादारों, सेवक जत्थों, शिक्षकों एवं छात्रों का अभूतपूर्व योगदान रहा ।
रागी जत्था भाई अमरजीत सिंह तान आज प्रातः 7:00 से गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार गोरखपुर में कीर्तन प्रवचन करेंगे । प्रधान राजेंद्र सिंह छाबड़ा ने साध संगत से उपस्थिति की अपील की है ।