लोक शिक्षण संचालनालय और राज्य शिक्षा केंद्र के आदेशों की खुले आम अवहेलना

जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया गया किलोक शिक्षण संचालनालय के 25/11/22 के पत्र क्रमांक /2022-23/2663 में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारीयों एवं समस्त प्राचार्यों को निर्देशित किया गया था कि शिक्षकों से गैर शिक्षकीय कार्य ना कराये जाये यदि ये कार्य कहीं पर हो रहा है तो शिक्षकों को पूर्णकालिक रूप से गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न करने सम्बन्धी जानकारी पोर्टल पर अपडेट करने को कहा था ( म प्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल पत्र क्रमांक /1210/1186/2018/20-2 दिनांक 20.09.2019 के संदर्भ में निर्देशित दिए थे)
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने आगे बताया कि म प्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय, बल्लभ भवन -3, भोपाल, के पत्र क्रमांक /210/1186/2018/20-2 भोपाल दिनांक 23/09/2019 में सभी जिलों के कलेक्टर्स,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम एवं आयुक्त, लोक शिक्षण, समस्त जिला शिक्षा अधिकारी और अन्य सभी वरिष्ठ सक्षम अधिकारीयों को निर्देशित किया कि शिक्षकों को पूर्णकालिक रूप से अन्य कार्यों में लगाए जाने की स्थिति में वेतन आहरण पर रोक लगाया जाना है (कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का पत्र क्रमांक 39/03/2017/8324 दिनांक 06/09/2016 में निर्देश दिए गए थे)
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार राज्य शिक्षा केंद्र, पुस्तक भवन, बी विंग, अरेरा हिल्स, भोपाल के पत्र क्रमांक /राशिके/आरटीई/140/2019/6058 भोपाल दिनांक 24/09/2019 में सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया कि शिक्षकों को बी एल ओ के कार्य से मुक्त रखा जाये (म प्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग का पत्र क्रमांक एफ 44-47/2011/20-2 भोपाल दिनांक 25/03/2013, पत्र दिनांक 27/02/2015 तथा पत्र क्रमांक एफ -44-15/2017/20-2 भोपाल दिनांक 24/07/2017 में स्पष्ट निर्देश हैँ)
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने आगे बताया कि इस सबके बाबजूद यदि अपरिहार्य कारणों से कुछ शिक्षकों को बी एल ओ ड्यूटी में लगाना आवश्यक हो तो यह सुनिश्चित किया जाये कि यह कार्य उस गाँव /बसाहट से ही सम्बंधित शिक्षक को दिया जाना चाहिए जो वहाँ पदस्थ हो साथ ही साथ इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि उपरोक्त कार्य अवकाश के दिनों में तथा गैर शिक्षकीय दिवस /समय में ही सम्पादित हो।
ये देखा जा रहा हैँ कि बी एल ओ ड्यूटी में शिक्षकों को लगाने से शैक्षणिक कार्य और समय समय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैँ।
जिन शिक्षकों की बी एल ओ में ड्यूटी लगाई गयी हैँ वे रहते किसी वार्ड में हैँ, स्कूल जहाँ उनकी पदस्थापना हैँ वो अलग वार्ड में हैँ और बी एल ओ की ड्यूटी अलग वार्ड में हैँ जो शिक्षकों के साथ सरासर अन्याय हैँ और शासन के आदेश की खुले आम अवहेलना हैँ।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर,भास्कर गुप्ता,विश्वनाथ सिंह, नितिन तिवारी,अफ़रोज़ खान,संदीप भागवत, प्रशांत श्रीवास्तव, ब्रजेश मौर्य, शिव यादव, मुबारक खान, रवि विश्वकर्मा,जी आर झारिया,ऋषि पाठक,राकेश मून, दुर्गेश खातरकर,आकाश भील,धर्मेंद्र परिहार,विशाल सिंह,चंद्रभान साहू,कमलेश दुबे, आदेश विश्वकर्मा, ब्रजेन्द्र तिवारी, अजब सिंह, इमरत सेन, डेलन सिंह, सुधीर गौर, मुकेश कोल,राशिद अली, निशिकांत फड़के,आसाराम झारिया,समर सिंह,अजय श्रीपाल, सुरेंद्र परसते, प्रमोद चौबे,भोगीराम चौकसे,गंगाराम साहू,विष्णु झारिया,मदन पांन्द्रो, देवसिंह भवेदी, राजेंद्र प्रधान, दशरथ मरावी, रामदयाल उइके, अमर सिंह, पवन सोयाम, रामकिशोर इपाचे, जागृति मालवीय,राजेश्वरी दुबे, अम्बिका हँतिमारे, ब्रजवती आर्मो, भगीरथ परसते, सरोज कोल, गीता कोल, शांति टेकाम, योगिता नंदवेश्वर, पूर्णिमा बेन,संदीप परिहार, प्रेमवती सोयाम,अंजनी उपाध्याय, वीरेंद्र दुबे, त्रिलोक सिंह,शायदा खान अर्चना भट्ट, रेनू बुनकर, अनुराधा नामदेव, सुमिता इंगले,मोदित रजक, जीतेन्द्र रजक, ब्रजेन्द्र सिंह,आदि ने श्रीमान मुख्यमंत्री जी और वरिष्ठ सक्षम अधिकारीयों से पत्राचार किया और उपरोक्त मांग पर चिंतन तथा विचार-विमर्श कर उचित निर्णय शीघ्र अतिशीघ्र लेने को कहा तथा चूंकि परीक्षा नजदीक हैँ अतएव शिक्षकों को बी एल ओ के कार्य से मुक्त रखा जावे जो आदेश में भी लिखा है।