व्यापारी संघ मैं है खुशी की लहर
जबलपुर दर्पण सिहोरा कूम्ही सतधारा। सिहोरा तहसील के जनपद पंचायत बैठक हाल में पहले दिन एसडी सिहोरा आशीष पाण्डे के निर्देशानुसार तहसीलदार राकेश चौरसिया, एसडीओपी भावना मरावी, जनपद पंचायत सीईओ आशा पटले, बीएमओ डॉक्टर गायकवाड,,मेरा अग्रवाल, के के पटेल सहित अनेक विभाग के बड़े प्रशासनिक अधिकारी उपस्थिति रहे है।।दूसरी बैठक 6 जनवरी को पुनः जनपद सदस्य की सामान्य सभा आयोजित की गई। बैठक में जनपद अध्यक्ष रश्मि मनेंद्र जनपद उपाध्यक्ष दिलीप पटेल, राम कुमारी सुरेश पटेल, विनोद पटेल, रजनीकांत मिश्रा, मंजू प्रमोद गौतम, पुनः मेला नियमों के प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें 14 जनवरी से 26 जनवरी तक मेला आयोजन किये जाने का फैसला लिया गया हैं। जिसमें देवरी, कुम्ही, उमरिया, साइकिल स्टैंड नीलामी 11 जनवरी 2023 को किए जाने का निश्चित किया गया। तथा नीलामी के दौरान पूर्व मैं 25 हजार अमानत राशि को जमा कराना साईकिल स्टैंड लगने पर नियत तिथि पर शेष राशि जमा करने को निर्धारित किया गया। साइकिल स्टैंड की वसूली निर्धारित करते हुए बताया कि बस डंपर 150 रुपये प्रतिदिन।मिनी बस, पिकअप, ऑटो 100 रूपये प्रतिदिन। तिपहिया वाहन ट्रैक्टर ट्राली प्रतिदिन 80 रूपये। स्कूटर मोटरसाइकिल प्रतिदिन 30 रुपये। साइकिल प्रतिदिन 10 रूपये तय की गई है। मेला की साफ सफाई करीब 70 प्रतिशत की जा चुका है। आयोजित मेले पर जनपद पंचायत कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी व एम्बुलेंस, महिला महिला बाल विकास व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जल विभाग कर्मचारी पानी टैंकर, पुलिस कर्मचारी, बिजली विभाग कर्मचारी, कृषि विभाग कर्मचारी, पीडब्ल्यूडी विभाग कर्मचारी, ऐरिशन कर्मचारी, आरईएस कर्मचारी, वन विभाग कर्मचारी, ग्राम पंचायत सचिव व रोजगार सचिव और नगर पालिका फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को, मेले के कार्यों आयोजन में सहयोग किए जाने के निर्देशित किऐ गए हैं।
जबलपुर से कूम्ही सतधारा करीब 72 किलोमीटर, सिहोरा से करीब 22 किलोमीटर, ढीमरखेड़ा से करीब 20 किलोमीटर, स्लीमनाबाद से करीब 19 किलोमीटर, कुंडम से करीब 30 किलोमीटर,की दूरी पर स्थित कूम्ही के सतधारा घाट पर 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन हिरन नदी के किनारे कुम्भेश्वर महादेव मंदिर और सप्तऋषि, कुम्भक ऋषि, नीलकंठ महराज भैया ढेलाराम जी, गंगागिरी महराज, पुष्शुपन्डा, सम्भुपुजारी, ऋषि महात्माओं की तपोभूमि सतधारा घाट में धार्मिक मेला का आयोजन किए जाने का निर्णय लिया गया है। हजारों वर्ष पूर्व आस्था का मेला करीब 15 से 30 दिन के लिए 14 जनवरी को प्रसाशन के द्वारा आयोजित किया जाता है। आयोजित मेले में हजारों व्यापारिक दुकानें और मनोरंजन खेल, सर्कस, जादू, व अद्भुत खेलों का बड़ी बड़ी प्रदर्शनी लगाई जाती है। इस मेले की शुरुआत के लिए शासन करीब एक महीना पहले से तैयारियां शुरू कर दिया जाता है। । ऐतिहासिक मेला 30 से 40 एकड़ के क्षेत्र में आयोजन किया जाता है। आयोजित मेले में देश प्रदेश के कोने-कोने से व्यापारी व्यापार करने पहुंचते हैं। पूर्व से ऋषिमनियो के द्वारा आयोजित मेला को ब्रिटिश शासन ने लोकल बोर्ड की स्थापना कर इस मेला का आयोजन करती रही है। देश आजादी के उपरांत अब जनपद पंचायत सिहोरा इसका मुख्य आयोजक संस्था बन गई है। कुम्ही सतधारा मेले के आयोजन को लेकर जिले के सभी कोने कोने में व्यापारियों और लोगों मैं उत्साह व खुशी देखने मिल रही है