जबलपुर दर्पण। समृद्धशाली इतिहास के पन्नों पर दर्ज है कि भारत ने विश्व को बहुत सी सौगातें दी हैं। नई शिक्षा नीति के माध्यम से अपने युवाओं को हर प्रकार से योग्य बनाकर हम एक बार फिर से उसी श्रेष्ठता की ओर बढ़ रहे हैं।” उपर्युक्त उद्वार उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राकेश सिंह सांसद के द्वारा प्रस्तुत किए गए। संत अलायसियस स्वशासी महाविद्यालय, जबलपुर के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: भारत को विश्व गुरु के रूप में फिर से स्थापित करने का एक शक्तिशाली साधन” विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा संगोष्ठी के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं प्रार्थना गीत से हुआ। अतिथियों के स्वागत के पश्चात् संगोष्ठी की संयोजिका डॉ. तुहिना जौहरी (विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग) द्वारा संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम के अगले चरण में संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन किया गया। साथ ही अर्थशास्त्र विभाग द्वारा “माइमेंट लेवर: इश्यू एंड चैलेंजेंस” पुस्तक भी विमोचित की गई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. फा. वलन अरासू ने अपने संदेश में कहा कि “भारत विश्वगुरु था, भारत विश्वगुरु है और भारत विश्वगुरु रहेगा। नई शिक्षा नीति इसी उद्देश्य को साकार करने हेतु अस्तित्व में आई है। इस नई शिक्षा नीति को कार्यरूप में परिवर्तित करना हम सबकी जिम्मेदारी है।” प्रो. मधुरेन्द्र कुमार ने अपने वीजवक्तव्य में संगोष्ठी के मूल विषय के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला एवं अपने संदेश में कहा कि शिक्षा नीति का मुख्य लक्ष्य विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास करना है। एक श्रेष्ठ मानव की रचना करना है।