कूम्ही सतधारा में जैन मुनि ने पांच पापों से समाज को किया सावधान
जबलपुर दर्पण सिहोरा कुम्ही सतधारा। सिहोरा तहसील के कुम्ही सतधारा के आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में मुनि प्रणम्य सागर और मुनि चन्द्र सागर महाराज पहुंचकर जैन समाज के बीच सत्संग किया। सत्संग के दौरान मुनि प्रणम्य सागर अपने प्रवचन में बताया कि मुनि संगति से दैनिक जीवन सफल बन जाता है। और सभी दुख दूर हो जाते हैं। दूरदराज गांव में मुनि, संत, नहीं पहुंच पाते हैं। परंतु सकल समाज मुनि, साधु, संतों, के पास कही भी पहुंच सकते हैं। कष्ट समाप्त के बाद सुख प्राप्ति होती है, पाँच पाप हिंसा, चोरी, झूठ, परिग्रह जैसे पाप से बचने के लिए सकल समाज को अच्छे कर्मों का संकल्प लेना चाहिए। श्री राम, संत, मुनि की जिस पर कृपा होगी वह पाँच पापों से बचे रहते है। वही मुनि चन्द सागर महाराज अपने प्रवचन में गांव की संस्कृति दूध दही खाने की है। बुराई को त्याग कर संस्कारों को बटोरना चाहिए। संस्कारों से दैनिक जीवन पर हमेशा चलते रहना चाहिए। मानव जीवन चरित्रवान होना चाहिए। संत समागम कार्यक्रम में कुम्ही सतधारा सहित 4 गांव सिलोड़ी, बघराजी, कटंगी, सिहोरा, खितौला, गोसलपुर, गोटेगांव, आदि गांव के जैन समाज के लोग संत सभा में उपस्थित रहे।