शर्मनाक : ठेकेदार की मनमानियां की वजह से नहीं हो पाई मार्च में हॉस्पिटल की बिल्डिंग तैयार
पुरानी बिल्डिंगो से निकला मटेरियल गायब
पाटन,जबलपुर दर्पण। सीएम ने जिले के पाटन विकासखंड को 30 विस्तरीय अस्पताल को 100 बिस्तरीय अस्पताल बनाने की सौगात दिनांक 06 अप्रैल 22 को दी थी और बताया गया था कि 100 विस्तरीय सिविल अस्पताल निर्माण कार्य आज से प्रारंभ हो गया है जिसे म.प्र.पुलिस हाउसिंग बोर्ड के द्वारा आगामी 11 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य दिया है। मार्च 2023 तक पाटन को सिविल अस्पताल की नवनिर्मित भवन मिल जाएगा। लेकिन मार्च क्लोजिंग में मात्र 3 दिन शेष है और अभी तक अस्पताल का लगभग 50% ही कार्य पूर्ण हुआ है।
घटिया निर्माण के लगे ठेकेदार पर आरोप – ठेकेदार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों की मिलीभगत की वजह से घटिया सामग्री बिल्डिंग निर्माण में इस्तेमाल की जा रही है। हॉस्पिटल के स्वामित्व वाली पुरानी बिल्डिंग को तोड़ा गया एवं उससे निकला पुराना सामान हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग में इस्तेमाल करने के भी ठेकेदार पर आरोप लग रहे हैं। इसके अलावा पुराना मटेरियल भी ठेकेदार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों के द्वारा खुर्द बुदुर्ग करने का गंभीर आरोप है।
सिविल अस्पताल बनने के उपरांत मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं – आई.सी.यू.एस.एन.सी. यू.आ. टी. ब्लड स्टोरेज यूनिट एवं अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदाय की जायेंगी।
विदित है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन को कायाकल्प (ईको फ्रेंडली) के तहत प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था एवं क्षेत्रीय विधायक के द्वारा सीबीएमओ डॉ आदर्श विश्नोई के कार्यों की सराहना करके प्रशस्ति दिया था और कहा था कि पाटन और कटंगी दोनों अस्पतालों को इस ऊंचाईयों तक पहुंचाने का श्रेय डॉ.आदर्श विश्नोई को जाता है
लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही बयां कर रही है। हॉस्पिटल में सिक्योरिटी गार्ड मरीजों का इलाज करते देखे गए है। मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही है। एक्स-रे एवं सोनोग्राफी कराने मरीजों को बाहर भेजा जाता है। डॉक्टर समय पर हॉस्पिटल नहीं आते और हॉस्पिटल के बाहर प्रैक्टिस कर रहे हैं। कोविड के दौरान करोड़ों रूपए के घोटाले हुए है। मरीजों को बिना देखे जबलपुर रिफर करने की परंपरा पिछले 6 वर्षों से चली आ रही है।
विधान सभा चुनाव के दौरान डॉ आदर्श विश्नोई पर लगे गंभीर आरोप – पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को डराने धमकाने और स्वास्थ्य विभाग की मशीनरी के बेजा इस्तेमाल की शिकायत पूर्व विधायक निलेश अवस्थी ने चुनाव आयोग में की थी जिसकी वजह से डॉक्टर साहब माननीय के लिए सरकारी नौकरी तक छोड़ने तैयार थे आज उसी सेवा की मलाई आज तक खा रहे है। डिग्री न होते हुए भी माननीय की कृपा से जबरन पाटन और कटंगी सरकारी अस्पताल पर कब्जा करके अपना डेरा जमा लिया है।