प्रताप सेना ने शौर्य विभूति महाराणा प्रताप जयंती मनाई
जबलपुर दर्पण । महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर प्रताप सेना के तत्वावधान में सामुदायिक केन्द्र सूजीपुरा में भव्य रूप से महाराणा प्रताप जयंती का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में क्षत्रिय व आम जन सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उपस्थित विशाल जनसमूह ने जय राष्ट्र, जय प्रताप” के नारों से आकाश गूंजित कर दिया। शौर्य विभूति महाराणा प्रताप के तैल चित्र पर उपस्थित अतिथियों ने माल्यार्पण कर क्षत्रिय कुल गौरव का स्मरण किया व हल्दी घाटी की रज से उपस्थित जनसमूह के ललाट पर टीका लगाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर प्रताव सेना के प्रदेश संयोजक डॉ. अभिजीत सिंह परिहार ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि महाराणा प्रताप राष्ट्रीय स्वाभिमान व तेज के प्रतीक हैं। स्वतंत्रता संग्राम में भी राष्ट्र स्वाभिमान व अथक संघर्ष हेतु प्रेरित महाराणा प्रताप के ही व्यक्तित्व व वीर गाथा ने किया।
ठाकुर सुशील सिंह ने कहा कि शास्त्र व शस्त्र अनुपूरक हैं। शास्त्र हेतु शस्त्र बने हैं, और शस्त्र का
दायित्व क्षत्रिय को दिया है। शास्त्र ने शस्त्र को मर्यादित किया है। जब शास्त्र पर संकट आया
तो महाराणा प्रताव ने शस्त्र उठाकर शास्त्र की प्रतिष्ठा स्थापित की ।
इस अवसर पर क्षत्रिय समाज की गणमान्य विभूतियों का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर पर प्रताप सेना के नवीन पदाधिकारियों की भी नियुक्ति की गई। इस अवसर पर राजेश सिंह चौहान, राजेन्द्र सिंह परिहार, महेश सिंह ठाकुर, समर सिंह परिहार, शेखर ठाकुर, उपस्थित थे।