पी एच् ई में कमीशन और खाईबाजी जोरों पर
जबलपुर दर्पण। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग (पी एच् ई )में सर्वाधिक कार्य ग्रामीण क्षेत्रों की प्रगति से जुड़े होते है हर घर जल पहुँचाने के लिए नल -जल योजना एवं वर्षा के पानी को एकत्रित करने के लिए तालाबों का गहरीकरण और “अमृत सरोवर “योजना के अंतर्गत तालाबों तथा कुओं का निर्माण कार्य ,गाँव के हर मुहल्ले में हैंडपम्प का सोकपीट और प्लेटफार्म के साथ निर्माण कार्य तथा मरम्मत,वाटर स्टॉप डेम निर्माण कार्य इत्यादि के अलावा अन्य कार्य भी होते है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने आगे बताया कि लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग (पी एच् ई )का मुख्य अभियंता कार्यालय (चीफ इंजीनियर ऑफिस ), अधीक्षण यंत्री कार्यालय(एस ई ऑफिस ) संभागीय कार्यालय संस्कारधानी जबलपुर के दमोहनाका में स्थित है इसके अलावा जबलपुर जिले की सात तहसील, सात विकासखंडो में एस. डी.ओ. और उपयंत्रियों के कार्यालय बने हुए है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर का कहना है की जिले की लगभग सभी तहसीलों और विकास खंडो में शासन के मानक मापदंडो के अनुरूप हेंड पंप उनके सोकपीट उनका प्लेटफार्म कहीं भी नहीं बना है ठेकेदार, एस डी ओ, इंजीनियर सब माल हजम कर रहें है।ऍम.बी.(मेजरमेंट बुक )में अनाप -शनाप एंट्रीस कर काला पीला किया जाता है।यदि ईमानदारी से जाँच की जाये तो आधे बर्खास्त हों जायेंगे और तो और कई ठेकेदार ब्लैक लिस्ट हों जायेंगे परन्तु इनकी ऊपर तक तगडी सेटिंग हैँ, चपरासी से पी.एस. तक तथा मजदूर से मंत्री तक सब जगह इतनी तगडी सेटिंग हैँ कि इनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता शिकायतकर्ता गायब कर दिया जाता हैँ।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार ऐसे ही हालात नल- जल योजना, तालाब गहरीकरण के हैँ सिर्फ कमीशन और खाइबाजी के लिए विख्यात लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग अपनी शोहरत के नित नये कीर्तिमान निर्मित कर रहें हैँ।अभी तो बहुत कुछ बाकी हैँ क्योंकि सब गोलमाल हैँ।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के दिलीप सिंह ठाकुर, भास्कर गुप्ता,जी आर झारिया,विश्वनाथ सिंह, धर्मेंद्र परिहार, नितिन तिवारी, ऋषि पाठक, दुर्गेश खातरकर,अफ़रोज़ खान, रवि केवट,आकाश भील, आसाराम झारिया, समर सिंह, अजब सिंह, सुल्तान सिंह, महेश मेहरा, भोजराज विश्वकर्मा, आदेश विश्वकर्मा,देवराज सिंह, इमरत सेन, सतीश खरे, रामदयाल उइके, रामकिशोर इपाचे, पवन सोयाम, मनोज कोल, मदन पांन्द्रो, भोगीराम चौकसे, गंगाराम साहू, अंजनी उपाध्याय, सुधीर गौर, सुरेंद्र परसते, विशाल सिंह, विष्णु झारिया, अजय श्रीपाल, राकेश मून, कमलेश दुबे,अर्चना भट्ट, रेनू बुनकर, ब्रजवती आर्मो, पूर्णिमा बेन,योगिता नंदेश्वर, सुमिता इंगले, कल्पना ठाकुर, अम्बिका हँतिमारे, माया सोयाम, भागीरथ परसते, सिया पटेल,शबनम खान, शायदा खान इत्यादि ने सरकार तथा शासन -प्रशासन से आग्रह किया है, कि पारदर्शिता के साथ कार्य किये जावें और सुधार कार्यों में गतिशीलता प्रदान की जावे।