रक्षाबंधन पर सेंट्रल व जिला जेल में हुआ आध्यात्मिक पुस्तकों का प्रचार
जबलपुर दर्पण। रक्षाबंधन के मौके पर बहने, भाई या अन्य परिवार के सदस्य अपने कैदी भाई, बहनों, बच्चों से मिलने जाते हैं। इस अवसर को ध्यान में रखते हुए संत रामपाल जी महाराज के शिष्य मानव के कल्याणार्थ बीते 30 अगस्त को रक्षाबंधन के मौके पर सेंट्रल जेल जबलपुर में संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा सर्व धर्मग्रंथों के आधार पर लिखित पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा, गीता तेरा ज्ञान अमृत, धरती ऊपर स्वर्ग को कैदियों को वितरित की गईं। साथ ही मिलने आये परिवार के सदस्यों को भी ये पुस्तकें प्रदान की गईं। आपको बता दें, यह पुस्तक प्रचार सेवा संत जी के शिष्यों द्वारा जेल उप अधीक्षक मदन कमलेश जी की अनुमति के आधार पर किया गया और उन्हें भी संत रामपाल जी द्वारा लिखित पुस्तकों को भेंट किया गया था। वहीं मार्बल सिटी कटनी स्थित जिला जेल में भी संत रामपाल जी के शिष्यों द्वारा पुस्तक प्रचार सेवा की गई। जहाँ सेंट्रल जेल में 201 और जिला जेल में 24 पुस्तक सेवा हुई।
वहीं पुस्तक के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने कैदियों व रक्षाबंधन के मौके पर कैदियों से मिलने आये परिवार के सदस्यों को संत रामपाल जी द्वारा दिये जा रहे अद्वितीय आध्यात्मिक ज्ञान से अवगत कराया गया। साथ ही, बताया गया है मानव को सत्य आध्यात्मिक ज्ञान न होने के कारण वह परमात्मा के विधान से अपरिचित होने की वजह से नशे, भ्रष्टाचार, चोरी, ठगी, परस्त्री गमन जैसे अनेकों अपराध कर बैठता है। परंतु जब उसे परमात्मा का विधान मालूम चलता है कि “तुमने उस दरगाह का महल नहीं देखा, धर्मराय के तिल तिल का लेखा।” तो वह इन अपराधों से दूर हो जाता है। जिससे अपराध मुक्त समाज बनता है।