गुणवत्तायुक्त स्पीड ब्रेकर की जन मांग
पुल पर रैलिंग, ब्रेकर के लिए लोक अदालत में समस्या पंजीबद्ध
यातायात के दबाव से पुल पर होते है अक्सर हादसे
मंडला दर्पण। आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला का नेशनल हाईवे 30 मार्ग हो या किसी क्षेत्र का मुख्य मार्ग हो, वहां होने वाले सड़क हादसों पर ब्रेक नहीं लग पा रहा है। रोजाना किसी ना किसी क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाएं हो रही है और इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने संबंधित विभाग कोई कारगार कदम नहीं उठा रहा है। जिससे होने वाले हादसों पर ब्रेक नहीं लग पा रहा है। बता दे कि जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इस कारण जिले में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। प्रमुख मार्गों पर दुर्घटना संभावित स्थानों पर रिफ्लेक्टर या स्पीड ब्रेकर नहीं होने से सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। वहीं मंडला से महाराजपुर जाने वाले मार्ग में नर्मदा नदी पर एक पुल बना है। इस पुल पर भी आए दिन हादसों की खबर आती है।
जानकारी अनुसार मंडला जिला मुख्यालय के मध्य माँ नर्मदा नदी पर रपटा पुल स्थित है। यह मार्ग मंडला को उपनगर महाराजपुर से जोड़ता है। वहीं इसी मार्ग से छत्तीसगढ़ रायपुर महाराष्ट्र के नागपुर, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा समेत अन्य महानगरों के लिए इसी मार्ग का उपयोग किया जाता है जिसके कारण इस रपटा पुल पर आवाजाही चौबीस घंटे बनी रहती है। इस मार्ग में लोगों का आना-जाना व वाहनों का दबाव बना रहता है।
बता दे कि जिला मुख्यालय मंडला और उपनगर महाराजपुर के सैकड़ों वंशिदे नर्मदा नदी पर बने रपटा पुल से निरंतर आवाजाही करते हैं। जिसके कारण इस मार्ग में दिन रात आवाजाही बनी रहती है। वहीं मुख्य त्योहारों और रैलियों में भी इस पुल पर अधिक भीड़ देखने को मिलती है। इसके साथ ही अन्य जिलों या दूर दराज से भी लोग मंडला जिला मुख्यालय नर्मदा स्नान, दर्शन के लिए भी रपटा घाट पहुंचते है। जहां आने वाले श्रद्धालु माँ नर्मदा का पूजा पाठ करने रपटा पुल मार्ग का ही उपयोग करते हैं। सीधे तौर पर कहा जाए तो मंडला वासियों के लिए रपटा पुल मुख्य मार्ग है। इस मुख्य मार्ग में भी हादसों का अंदेशा बना रहता है। अब इस रपटा पुल पर सुरक्षा के इंतजाम की मांग उठ रही है।
पुल पर जालीनुमा रैलिंग की है अत्यंत आवश्यकता –
आपको बता दें कि रपटा पुल की रैलिंग की ऊंचाई मात्र 3-3.5 फिट है, जिसकी उंचाई कम होने से किसी भी समय रैलिंग से गिरने की संभावना बनी रहती है इसको देखते हुए रपटा पुल में रैलिंग की ऊंचाई कम से कम 10-12 फिट तथा जालीनुमा रैलिंग की अत्यंत आवश्यकता है।
रपटा पुल पर नहीं है कोई भी विधिवत स्पीड ब्रेकर –
आपको बता दें कुछ दिवस पूर्व डामरीकरण होने से इस पुल पर वाहन तीव्र गति से निरंतर चल रहे हैं, जिससे पैदल चालकों व दो पहिया वाहन चालकों को काफी समस्याओं का सामना करना पडता है एवं उक्त डामरीकरण के पश्चात पुल के दोनों ओर कोई भी विधिवत स्पीड ब्रेकर निर्मित नहीं किये गये हैं। अगर पुल में उचित स्थान पर स्पीड ब्रेकर बने होते हो वाहनों की तेज रफ्तार पर ब्रेक लगाया जा सकता था।
बारिश के समय नर्मदा का प्रवाह होता है बहुत ही तीव्र और गहरा –
आपको बता दें कि रपटा पुल की अधिक उंचाई होने से निरंतर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है एवं नीचे नर्मदा नदी का प्रवाह भी अधिक रहता है जिसमें बारिश के मौसम में नर्मदा नदी का प्रवाह बहुत ही तीव्र और गहरा होता है। रपटा पुल से तीव्र गति से छोटे-बडे चार पहिया वाहनो का आना जाना लगा रहता है जिससे छोटे वाहन चालक, पैदल चालक व निवासियों को आने जाने में कठिनाई होती हैं तथा वाहन के टक्कर लगने से सीधे नर्मदा प्रवाह में जाने की संभावनायें बनी रहती है तथा रैलिंग की उंचाई कम होने से विक्षिप्त / अन्य पैदल चलने वाले व्यक्ति / पालतू मवेशियों की पुल से गिरने की भी संभावना रहती है।
जिम्मेदार विभाग का इस ओर नहीं है ध्यान –
बता दें कि रपटा पुल से दो पहिया / चारपहिया वाहन पर टक्कर लग जाने से नर्मदा नदी में गिरकर लोगो की मृत्यु तक हो चुकी है, जिस तथ्य से जिम्मेदार विभाग अनभिज्ञ नहीं है, लेकिन फिर उक्त विभाग द्वारा आज तक इन दुर्घटनाओं को देखते हुए भी रपटा पुल के ऊपर जाली वाली ऊंचाई युक्त रैलिंग या सुरक्षा हेतु कदम नहीं उठाया गया है। उक्त व्यवस्थाओं को ठीक करने तथा जान माल की सुरक्षा हेतु आवश्यक रूप से रैलिंग की ऊंचाई सहित स्पीड ब्रेकर की व्यवस्था करने का पूर्ण दायित्व शासन द्वारा दिया गया है किंतु जिम्मेदार विभाग अपने कर्तव्यों व दायित्वों का पालन नहीं कर रहे है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मानव जीवन की कोई अहमियत नहीं है। मण्डला वासियों की मांग है कि जिम्मेदार विभाग द्वारा समस्त दायित्वों व व्यवस्था जल्द से जल्द की जानी चाहिए।
इनका कहना है –
रपटा पुल से तीव्र गति से छोटे बडे चार पहिया वाहनो का आना जाना लगा रहता है रैलिंग की उंचाई कम होने से विक्षिप्त, पैदल यात्री, छोटे वाहन चालकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है, रैलिंग की उंचाई और जालीनुमा रैलिंग से आमजन को सुविधा होगी।
सुनील मिश्रा, समाजसेवी
वर्तमान में युवाओं में महंगी बाइक का क्रेज बढ़ा हुआ है। महंगी बाइक को लेकर स्पीड के साथ वे पुल व सड़कों पर फर्राटे से गुजरते हैं। ऐसी स्थिति में सड़क पर चल रहे पैदल सहित वाहन चालकों में खौफ नजर आता है। दूसरी ओर रपटा पुल में वाहन के टक्कर लगने से सीधे नर्मदा प्रवाह में जाने की संभावनायें बनी रहती है। जालीनुमा रैलिंग होने से काफी हद तक सुविधा होगी।
शाहिल (गगन) बरमैया, युवा
रपटा पुल में कुछ दिनों पूर्व क्रैक जगह को ठीक किया गया था एवं डामरीकरण हुआ था लेकिन पुल में दोनों साइड कहीं पर भी स्पीड ब्रेकर नहीं बनाया गया। प्रायः देखने को मिलता है कि वाहन चालक पुल पर फुल स्पीड से गाड़ी दौड़ाते हैं, रेत के ट्रैक्टर की स्पीड कुछ ज्यादा ही होती है। इस बीच अगर कोई मवेशी या पैदल यात्री गाड़ी के सामने आ जाएं तो एकदम से स्पीड को कंट्रोल करने में दुर्घटना होने की संभावना बन जाएगी, अगर पुल के दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर और पुल में जालीनुमा रैलिंग होगी तो इससे बचा जा सकता है।
अखिलेश चंद्रौल, प्राचार्य पीएम श्री स्कूल, सेमरखापा
बहुत समय से रपटा घाट में पुल की रेलिंग ध्वस्त स्थिति में है और ऊंचाई कम होने से तथा उचित स्थानों पर स्पीड ब्रेकर ना होने से तीव्र बड़े वाहन का आना जाना होता है जिसके कारण दर्घटना की स्थिति देखने को मिली है, उक्त जन समस्याओं को संज्ञान में लेकर मेरे द्वारा दिनाँक 27 जुलाई 2023 को जिला एवं सत्र न्यायालय मण्डला अंतर्गत लोक उपयोगी सेवा की लोक अदालत, न्यायालय में एक प्रकरण उक्त समस्या को दूर करने, 10-12 फुट की जालीनुमा मजबूत रेलिंग और गुणवत्ता युक्त तकनीकी स्पीड ब्रेकर की मांग हेतु प्रस्तुत किया गया है जिसमें प्रकरण को जनउपयोगी सेवाओं की लोक अदालत में पंजीबद्ध कर दिया गया है एवं संबंधित प्रशासन व विभाग को नोटिस जारी कर 4 सितंबर 2023 को जवाब मांगा गया है, उक्त सन्दर्भ में न्यायालय के माध्यम से उक्त जनमांग को पूर्ण कराने हेतु प्रयास किया जाएगा ताकि लोगों की जानमाल की सुरक्षा हो सके।
नीलेश झा, अधिवक्ता जिला न्यायालय मण्डला