हरिनाम से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार: स्वामी नरसिंह दास जी
जबलपुर दर्पण। श्रीमद्भागवत कथा पुराण भगवान श्री हरि का वांग्मय स्वरूप है। श्रीमद्भागवत पीड़ित ह्रदय के लिए औषधि है। ऋषि मुनि रसायन है और भक्त जनों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा के गंगा का उद्गम है । आध्यात्मिक चेतना की जागृति के लिए वेदों की ऋचाओं, हरिनाम संकीर्तन निरंतर होना चाहिए । नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिये वेद पुराण का पठन-पाठन होना चाहिए।उक्त उद्गार नरसिंह मंदिर में नरसिंह पीठाधीश्वर डॉक्टर स्वामी नरसिंह दास जी महाराज के पावन मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा पुराण सप्ताह 30 नवंबर से 6 दिसंबर तक दोपहर 3बजे से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा पुराण में व्दितीय दिवस कहे।
इस अवसर पर व्यास पीठ पूजन अर्चन यजमान श्री मती शालिनी पाण्डेय श्री मती गीता तिवारी,सावित्री उपाध्याय, विजय तिवारी,आचार्य रामफल शास्त्री ,कामता शास्त्री ,रामचरण दास ,लालमणि मिश्रा ,राम जी पुजारी, प्रवीण चतुर्वेदी , हिमांशु प्रियांशु,नरसिंह मंदिर गीता धाम भक्त मंडल, सनातन धर्म महासभा जबलपुर ने किया ।मार्ग शीर्ष अगहन मास पर भगवती लक्ष्मी श्री हरि नारायण, नवग्रह, षोणश मातृका, श्रीपीठ,व्यास पीठ श्रीमद्भागवत पुराण का पूजन अर्चन वैदिक आचार्यों ने किया।