प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त नहीं मिलने से लाभार्थी परेशान

जबलपुर दर्पण। प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्तों के भुगतान में हो रही देरी से लाभार्थियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई मकानों के काम तो बीच में ही अटक गए हैं और कई लोगों के आवास की पहली किस्त भी नहीं आयी। लाभार्थी के खाते में किस्ते नहीं डालने से परेशान हैं। किसी को पहली, तो किसी को दूसरी और तीसरी किस्त का इंतजार है। शहरी क्षेत्रों के लिए 2.50 लाख रुपए की मिलने वाली प्रधानमंत्री आवास की पहली किस्त की राशि लाभार्थियों को अभी तक नहीं मिल पा रही हैं। यह राशि तीन किस्तों में मिलती है।
पुराने बस स्टैंड स्थित पीएम आवास योजना कार्यालय में परेशान हो लाभार्थियों ने अपनी समस्या बताई कि हमें एक वर्ष से अधिक बीत गए लेकिन पीएम आवास की पहली किस्त प्राप्त नहीं हुई, वहीं कुछ लोगों ने बताया कि दूसरी और तीसरी किस्त के लिए चार पांच माह से कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। यहां के अधिकारी कर्मचारी गोल मोल जवाब दे रहे हैं।
परेशान लाभार्थियों अपनी अपनी समस्या बताई -प्रभात नगर से आये लाभार्थी
शेख मोहम्मद, गोविन्द, छोटे सरकार ने बताया कि हम प्रधानमंत्री आवास की दूसरी किस्त और कुछ लाभार्थी की तीसरी किस्त नहीं मिली । दूर दूर से किराया लगा कर महीनों से भटक रहे हैं। गरीब मजदूर है काम की छुट्टी लेकर यहां कार्यालय में आते हैं। आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वहीं आवास योजना से संबंधित अधिकारी उपयंत्री अशोक वासनिक से पूछा गया तो उन्होंने घुमाफिराकर जवाब दिया कि शहर में चौदह हजार से अधिक आवेदक है । अभी किसी को पहली किस्त, दूसरी और तीसरी किस्त के शासन से स्वीकृती नही मिली। भोपाल से आदेश दिया जाता है। जैसे सरकार से परमीशन मिलते ही शीघ्र ही लाभार्थियों के खाते में राशि प्रदान की जायेगी। वहीं आवास कार्यालय में पदस्थ संविदा कर्मियों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान निर्माण में मिलने वाली तीन किस्तों में राशि ढाई लाख रुपए की राशि की योजना दो साल से बंद है। इस पर कार्यालय में रोज आवेदक , लाभार्थी को निराश हो कर वापस लौटना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन नगर निगम में पदस्थ कर्मचारी द्वारा झूठे आश्वासन देकर हितग्राहियों को यह बता कर शिकायत वापस ले ली जाती है । और यह कह दिया जाता है कि आपकी समस्या का निराकरण कर दिया गया है। इस तरह उनका शिकायत निवारण सीएम हेल्पलाइन का टारगेट पूरा हो जाता है। अपने कार्य को ये कर्मचारी अधिकारी अव्वल होने का श्रेय हासिल कर लेते हैं। कुछ लोगों ने इसी तरह की परेशानियों से अवगत कराया कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को ये कर्मचारी अधिकारी कटवा देते हैं। बहुत से परेशान लाभार्थियों ने बताया कि यहां पर कार्यरत कर्मचारी ठीक से बात भी नहीं करते।