बिजली कर्मचारी और इंजीनियर निजीकरण की नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को देश भर में प्रदर्शन करेंगे
जबलपुर दर्पण। जबलपुर में वेस्टर्न इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की फेडरल काउंसिल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 16 फरवरी, 2024 को सभी पावर कंपनी मुख्यालयों और परियोजनाओं पर केन्द्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और विरोध बैठकों के माध्यम से सरकार के जनविरोधी कदमों और निजीकरण नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा। एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई कि संयुक्त किसान मोर्चा को सरकार की लिखित प्रतिबद्धता के बाद भी बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को रद्द करने की हमारी मांगों का पालन नहीं किया गया है। इसके विपरीत, बिजली की सार्वभौमिक पहुंच के अधिकारों पर अंकुश लगाने के लिए उपभोक्ताओं के परिसर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर गैरकानूनी तरीके से लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, म.प्र. विद्युत उत्पादन कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह अंतर्गत नवीन परियोजना (1X660 MW) हेतु ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से निजीकरण किया जा रहा है, जिसके दुष्परिणाम स्वरूप प्रदेश को आगामी पच्चीस सालों तक 35-40 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा महंगी विद्युत प्राप्त होगी, जिसका सीधा भार प्रदेश की जनता को ही वहन करना होगा। बिजली क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में अगले कदम के रूप में ट्रांसमिशन सबस्टेशनों की स्थापना के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली निर्धारित की गई है।
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार विद्युत (संशोधन) नियमों के माध्यम से विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 के अपने निजीकरण के एजेंडे को जारी रखे हुए है। मंत्रालय पिछले एक साल से अधिक समय से विद्युत (संशोधन) नियम नामक अधिसूचनाएं जारी कर रहा है। यह कवायद विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 176 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग के नाम पर की जा रही है।
बैठक में गंभीर चिंता के साथ कहा गया कि लोगों के विरोध और प्रतिरोध संघर्ष के सभी लोकतांत्रिक रूपों को पूरी तरह से नकारते हुए, भारत सरकार एनएमपीएल के नाम पर राष्ट्रीय संपत्तियों को निजी हाथों में बेचने के लिए आगे बढ़ रही है। इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गहरा संकट पैदा हो जाएगा और लोगों के लिए तत्काल और आने वाले दिनों में और अधिक कठिनाई होगी।
बैठक में वेस्टर्न पावर इंडिया फेडरेशन के अध्यक्ष पवन जैन सीक्रेट सेक्रेटरी जनरल सूर्यकांत पवार उपाध्यक्ष राज्य श्रीवास्तव सब महाराष्ट्र सब आर्डिनेट इंजीनियर एसोसिएशन के महामंत्री संतोष खूमकर, सतीश शेडके, प्रवीण राउत , गुजरात इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंजीनियर एसोसिएशन के जिगर पाठक, विवेक सिंह, मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के अध्यक्ष हितेश तिवारी , महासचिव विकास शुक्ला, मनोज तिवारी, सुरेश त्रिवेदी, आदि सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।