शहर की तमाम मस्जिदों मे भी अदा हुई ईदुज्जुहा की नमाज
जबलपुर दर्पण। मुस्लिम धर्मलाम्बियों का प्रमुख पर्व ईदुुज्जुहा ( बकरीद) के मौक़े पर शहजादा ए मुफ़्ती ए आज़म मध्यप्रदेश हजरत सूफी जियाउल हक़ कादरी बुरहानी ने ईदगाह कला रानीताल मे हजारों मुसलमानो को सम्भोधित करते हुए कहा की ईदुज्जुहा का दिन अजीम दिन है। कुर्बानी का मतलब सिर्फ जानवरों को क़ुर्बान करना नहीं है। बल्कि क़ुर्बानी का मतलब ये है की हमे अपनी अजीज से अजीज चीज भी अल्लाह की रजा के लिए कुर्बान करना पढ़ जाए तो खुशी खुशी कुर्बान कर दे। क़ुर्बानी अल्लाह को पसंद है । कुर्बानी हर साहिबे निसाब पर फर्ज है। मौलाना साहब ने आगे कहा की हमारे समाज मे इल्म की कमी है । हम इल्म से दूर हो गये है, मौलाना साहब ने हजारों मुस्लिमों को हिदायत देते हुए कहा की कितनी भी मेहनत करनी पढ़ जाए लेकिन अपने बच्चों को तालिम हासिल करवाइये। बच्चों को दीनी और दुनियावी इल्म दोनों आना चाहिए । मौलाना साहब ने कहा की पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्ल. ने फरमाया है की इल्म नूर है,इल्म जहालत और गुमराही को दूर करके सीधी राह दिखाता है। मौलाना साहब ने कहा की इल्म से इज्जत और रोब मिलती है। मौलाना साहब ने हिदायत दी के अगर आप 2 रोटी खाते हो तो 1 रोटी खाओ लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाओ। इससे आपकी भी इज्जत होगी और हमारा मुल्क भी तरक्की करेगा। अंत मे मौलाना साहब ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम प्रशासन का खास इंतजाम के लिए शुक्रिया अदा किया। मौलाना साहब ने प्रिंट मिडिया एवं इलेक्ट्रिक मिडिया को शुक्रिया अदा करते हुए कहा की मीडिया का सहयोग काबिले तारीफ है । उम्मीद करता हू यूही शहर मे अमन शांति के लिए मीडिया अपना कार्य करता रहे।
सजदे मे झुके सर – तकरीर उपरान्त शहजादा ए मुफ़्ती ए आज़म मध्यप्रदेश हज़रत सूफी जियाऊल हक़ कादरी बुर्हानी ने ईदुज्जुहा की नमाज अदा कराई। हजारों मुस्लिमों ने एक साथ नमाज अदा की। ईदगाह मे अल्लाह हू अकबर की गूंज के साथ एक साथ हजारों सर सजदे मे झुक गए खुदा की बंदगी ये आलम काबिले गौर था। नमाजोपरान्त ईदुज्जुहा का खुत्बा पढ़ा गया और अंत मे मौलाना साहब ने मुल्क की तरक़्क़ी खुशहाली की खास दुआएं मांगी। नमाज अदा करने के बाद नमाजियो ने आपस मे एक दूसरे को गले मिलकर ईदुज्जुहा की मुबारकबाद पेश की। ईदगाह रानीताल के प्रवेश द्वार पर राजनितिक दलों के कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीयों ने मौलाना साहब व मुस्लिम बंधुओ से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद पेश की। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की मस्जिदों मे भी प्रातःकाल 6:30 बजे से ही ईदुज्जुहा की नमाज की अदायगी शुरु हो गई रही इसलिए प्रातः काल से ही मुस्लिम बस्तियों मे चहल पहल बनी रही।
अलसुबह से शुरुआत- प्रातःकाल से ही ईदगाह कला रानीताल मे नमाजियो का आगमन शुरू हो गया था। आसपास के गाँव देहात से भी बड़ी तादाद मे नमाजी ईदगाह पहुंचे। पहले आने वालों को शुरू की सफो मे जगह मिली देर से आने वालों को आखरी की कतारों मे जगह मिली। धीरे-धीरे पूरी ईदगाह नमाजियो से भर गई। ठीक 10 बजे शहजादा ए मुफ़्ती ए आज़म मध्यप्रदेश तशरीफ़ लाए अक़ीदतमंदो ने नाराए तक़बीर अल्लाहू अकबर के नारे बुलंद कर मौलाना साहब का इस्तक़बाल किया।
मोमिन ईदगाह- मोमिन ईदगाह गोहलपुर मे प्रातः 8 बजे हजारों की तादाद मे मुस्लिमों ने नमाज अदा की। हाफिज़ मोहम्मद ताहिर साहब ने ईदुज्जुहा की नमाज अदा कराई। नमाजियो की विशाल तादाद के को देखते हुए ईदगाह के सामने मुख्य सड़क तथा उर्दू स्कूल के मैदान तक नमाजियो की लम्बी लम्बी कतारें लगी थी। अल्लाहो अकबर की गूंज के बीच नमाजियो ने ईद की नमाज अदा की। नमाजोपरान्त लोगों ने आपस मे गले मिलकर ईदुज्जुहा की मुबारकबाद पेश की ।
ईदगाह सदर – सदर बाजार ईदगाह मे प्रातः 9 बजे ईदुज्जुहा की नमाज मौलाना जियाउर रजा चाँद कादरी ने अदा कराई। सदर ईदगाह मे सुरक्षा संस्थानो, सेना इकाइयों, मे सेवारत मुस्लिम अधिकारियों ,कर्मचारियों तथा रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय मे अध्ययनरत मुस्लिम छात्रों ने ईद की नमाज अदा की। इस मौके पर मौलाना साहब ने अमन शांति खुशहाली की दुआएं की । सदर बाजार की गलियों मे हिन्दू धर्मालंबियों ने मुस्लिम भाइयों से गले मिलकर ईदुज्जुहा की मुबारकबाद पेश की।
गढ़ा ईदगाह- उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा ईदगाह मे क्षेत्रीय लोगों एव नेताजी सुभाषचंद्र बोस शासकीय मेडीकल कॉलेज मे सेवारत मुस्लिम कर्मचारियों व अध्ययनरत छात्राओं ने भी ईदुज्जुहा की नमाज अदा की । हाफिज़ कारी मौलाना अमीर अशरफ ने प्रातः9:30 बजे नमाज अदा कराई। नमाजोपरान्त नमाजियो ने गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की। अन्य धर्मालंबियों ने भी मुस्लिम बंधुऔ से गले मिलकर ईदुज्जुहा की मुबारकबाद पेश की।
शिया जामा मस्जिद- फूटाताल स्तिथ शिया जामा मस्जिद जाकिर अली मे प्रातः 10 बजे मौलाना सैय्यद हैदर मेहंदी साहब ने ईदुज्जुहा की नमाज अदा कराई। नमाजोपरान्त शिया बंधु आपस मे गले मिले और ईदुज्जुहा की मुबारकबाद पेश की।
क़ुर्बानी – ईदुज्जुहा (बकरीद) के मौक़े पर सक्षम मुस्लिमों ने सुन्नते इब्राहिम की यादगार मे बकरों की क़ुर्बानी पेश की। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में दिन भर खुशी और हर्षोउल्लास का माहौल रहा। बच्चों के साथ बढ़ो ने भी बस्तियों मे लगे हुए झूले का आंनद उठाया। रात्रि मे दावतों का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा।
मुस्लिम समाज के वरिष्ठ समाज सेवी हाजी कदीर सोनी, हाजी मकबूल अहमद रज़वी, हाजी शेख ज़मील नियाज़ी, पप्पू वसीम खान,मतीन अंसारी, हाजी मुईन खान, जमा खान, मुबारक कादरी, अकबर खान सरवर, याकूब अंसारी, मोहम्मद ईशहाक, हाजी तोसिफ रजा, सैय्यद कादिर अली कादरी, शाकिर हुसैन कुरैशी, अशरफ मंसूरी,आजाद सुल्तानी, सैय्यद शौकत अली, जवाहर कादरी आदि ने ईदुज्जुहा के मौक़े पर पर्व को शालीनतापूर्वक मनाने पर तमाम संस्कारधानी के लोगों का शुक्रिया अदा किया।