जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

राजयोग मन और शरीर के बीच सामंजस्य रखने की सहज विधा है बी. के भावना

जबलपुर दर्पण। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उसी क्रम में अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के सेवाकेंद्र शिव स्मृति भवन नेपियर टाउन जबलपुर में विभिन आसनो और प्राणायाम के अभ्यासो को करा कर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इसी के साथ पूरी सभा ने राजयोग का भी अभ्यास किया।
सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी भावना दीदी जी ने कहा की राजयोग “स्वयं और समाज के लिए योग” विषय इस प्राचीन राजयोग के अभ्यास के सार को पूरी तरह से दर्शाता है। योग केवल व्यक्तिगत कल्याण के बारे में नहीं है; यह आंतरिक आत्म और बाहरी दुनिया के बीच संबंध को बढ़ावा देता है।

योग को एक संतुलनकारी क्रिया के रूप में कल्पना करें, जो मन और शरीर में सामंजस्य स्थापित करती है, विचार को क्रिया के साथ जोड़ती है, तथा अनुशासन को व्यक्तिगत पूर्णता के साथ जोड़ती है। शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और आत्मिक पहलुओं को एकीकृत करके, योग स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र मार्ग प्रदान करता है, जो हमारे तेज-रफ्तार जीवन में शांति का एक अत्यंत आवश्यक स्रोत है।

डॉ पुष्पा पांडेय गीता विद एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया की हर साल 21 जून को पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए एक साथ आता है। यह वैश्विक परिघटना प्राचीन भारतीय योग पद्धति तथा शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण पर इसके गहन प्रभाव को मान्यता देती है।

योग शब्द संस्कृत शब्द “युज” से निकला है, जिसका अर्थ है “जोड़ना” या “एकजुट करना”, तथा यह मन, शरीर और आत्मा में सामंजस्य लाने के दर्शन का प्रतीक है। यह केवल शारीरिक आसनों से कहीं अधिक है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है, जो श्वास व्यायाम, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को एकीकृत करता है।

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