शिवाराधना से साधक का कल्याण:स्वामी नरसिंहदास
जबलपुर दर्पण। शिव त्रिकालदर्शी है, संपूर्ण जगत में जीव – जन्तुओं प्राणियों को संरक्षित कर प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने शिव की कृपा सदैव आवश्यक है । शिवाराधना सबसे सरल है शिवमहापुराण श्रवण मात्र से साधक का कल्याण होता है।
श्री शिव महापुराण के तृतीय दिवस पर स्वामी जी ने कहा संपूर्ण जगत में भगवान शिव का प्रभाव व्याप्त है जब नारद जी तप करते हुए ऋषि को देखकर इंद्र को चिंता हुई कहीं यह मेरा पद न प्राप्त करले इसीलिए नाराज जी की तपस्या भंग करने के लिए कामदेव जी को भेजा वह काम पराजित हो गया इस बात का अहंकार नारद जी का हो गया जबकि जहां नारद भ्रमण करते हुए वह क्षेत्र शिव जी द्वारा रक्षित होने के कारण वहां काम का प्रभाव नारद जी पर नहीं हुआ था नारदजी ब्रह्म लोक शिवलोक व विष्णु लोक को गए अन्ततो गत्वा शिव माया से नारद जी मोहित होकर विवाह करना चाहते हैं , कथाओं का वर्णन करते हुए रुद्राक्ष , भस्म तथा पार्थिव शिवलिंग की महिमा, पावन सती चरित्र का वर्णन किया
उक्त उद्गार शिवपुत्री नर्मदा मैया के पावन तट जबलपुर संस्कारधानी में श्रावणी सोमवार के पुनीत अवसर पर व्यासपीठ से नरसिंह पीठाधीश्वर डॉक्टर स्वामी नरसिंह दास जी महाराज के मुखारविंद से शिव महापुराण की कथा श्रीराम परिसर सरस्वती उ मा विद्यालय अधारताल में कहे।
3 अगस्त से 9 अगस्त तक शिव महापुराण में प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक रूद्री निर्माण, महारूद्राभिषेक और दोपहर 3 बजे से कथा होगी ।
शिव महापुराण व्यास पीठ पूजन आशा हीरालाल श्रीवास्तव, अंजना मनीष अग्रहरि, आकांक्षा अश्वनी, स्मृति अमित, प्रियंका, अलंकृत, अक्षत, डॉ अनुपम श्रीवास्तव , सतीश साहू, अज्जू ठाकुर
सनातन धर्म महासभा, नरसिंह मंदिर गीता धाम शिष्य मंडल ने किया ।