समरसता सेवा संगठन द्वारा आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में संतों ने दिया आशीर्वाद
जबलपुर दर्पण। समरसता सेवा संगठन द्वारा घुघरा घाट, लम्हेटा स्थित समरसता भृगु वाटिका में प्रकृति संरक्षण के उद्देश्य से पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पूज्य संतों ने मौलश्री, चंदन, रुद्राक्ष, बेल, कदम, शमी और आंवला जैसे पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और आशीर्वचन प्रदान किए।
कार्यक्रम में अमरकंटक से पूज्य संत बाबा कल्याणदास जी महाराज, दंडी स्वामी कालिकानंद जी महाराज, स्वामी डॉ. नरसिंह दास जी, स्वामी गिरीशानंद जी साकेत धाम, स्वामी राधे चैतन्य जी महाराज, स्वामी कालीनंद जी, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी, महंत गौरीशंकर जी और अन्य प्रमुख संतों की उपस्थिति रही। उन्होंने अपने आशीर्वचनों में कहा कि भारतीय परंपरा में वृक्षों का पूजन सदियों से किया जाता रहा है, और इन वृक्षों के माध्यम से नदियों को संरक्षित करने का भी संदेश मिलता है।
संतों ने कहा, “आज गंगा, यमुना जैसी नदियों का अस्तित्व संकट में है, लेकिन मां नर्मदा की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। नर्मदा तट पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर इसे और सुंदर बनाया जा सकता है।”
समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन ने बताया कि 4 अगस्त को आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में 1,300 वृक्ष लगाए गए थे, जो अब पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस अवसर पर उन्होंने संतों के आशीर्वाद को संस्कारधानी के लिए प्रेरणादायक बताया और प्रकृति एवं जल संरक्षण के प्रति अपने संगठन की प्रतिबद्धता को दोहराया।
कार्यक्रम में पं. रोहित दुबे, श्री सॉवल दास खत्री, डॉ. अखिलेश गुमास्ता, जगदीश दहिया, महेश तिवारी, किशोर दुबे, विक्रम परवार, प्रदीप चौहान, और अन्य प्रमुख नागरिकों की भी उपस्थिति रही। सभी ने एक स्वर में समरसता सेवा संगठन के कार्यों की सराहना की और प्रकृति संरक्षण के प्रति अपने संकल्प को दोहराया।
यह आयोजन समरसता और पर्यावरण संरक्षण के संगम का प्रतीक बनकर जबलपुर और पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रहा है।