प्रकाश पर्व पर आस्था-सेवा-समर्पण के रंग
शबद कीर्तन पर झूमे भक्त, श्रद्धा से पाया गुरु प्रसाद
जबलपुर दर्पण। सेवा-समर्पण के अनूठे रंग दिखे। मसुबह से ही हजारों की संख्या में सिख समाज के लोग अपने गुरुपर्व मनाने के लिए पहुंचे। सर्वप्रथम कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इसके बाद गुरु का अटूट लंगर शुरु हुआ। जिसे पाने के लिए बड़े-बुर्जुग और छोटे-छोटे बच्चे शामिल हुए। सुबह से लेकर दोपहर तक नगर के सिख समाज द्वारा सामूहिक तौर पर अनेक धार्मिक आयोजन गैरिसन मैदान में जारी हैं। प्रकाशपर्व के पूर्व गुरुवार को शहर भर
के गुरुद्वारों से कीर्तनी प्रभात फेरियां निकाली गई। गुरुद्वारों में की गई आकर्षक सजावट
गुरुद्वारों में रंगबिरंगी रोशनी से सजावट की गई। सिख संगत ने रात घर कारसेवा कर लंगर तैयार किया। आशा दीवार
गुरुनानक देव के चरण गुरुद्वारा मढ़ाताल में भी पड़े थे। शुक्रवार की सुबह 4.30 बजे से 8.45 बजे तक यहां आशा दीवार का कीर्तन हुआ जो रात्रि 7 बजे से अर्द्ध रात्रि 12.15 बजे तक समापन कीर्तन दरकार एवं आरती होगी।
शबद कीर्तन पर नमित भक्त
सिख संगत के मीडिया प्रभारी प्रदीप सिंह भोगल ने बताया कि विख्यात रागी जत्था भाई जगदीप सिंह (हुजूरी रागी
जत्था हरमंदिर साहिब, अमृतसर), भाई जसवीर सिंह, लुधियाना, गुरुवाणी मीमांसक जानी कृषण सिंह अमृतसर, भाई नरेंद्र सिंह एवं गुरु गोबिंद सिंह खालस्य विद्यालय के छात्रगण गुरुवाणी शबद कीर्तन एवं कथा करेंगे। इस मौके पर पंथ के निष्काम सेवादारों एवं जन प्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
भोर से गूंजी गुरवाणी
गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में नगर के विभिन्न क्षेत्रों से गुरुवार को भोर 4 बजे कीर्तनी प्रभात फेरियां निकाली गई। गुरवाणी के कीर्तनों की गूंज थी। मदनमहल, हाथीताल, रांझी अधारताल गोरखपुर गुरुद्वारों को आकर्षक विद्युत रोशनी से सजाया गया है। उप नगरीय क्षेत्र रांझी के ईस्ट लैंड खमरिया सहित विभिन्न स्थानों में भी प्रकाशपर्व पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रताप सिंह विरदी, कुलदीप सिंह बसल, अवतार सिंह बागा, जतिंदर सिंह सैनी, मुखबिदर सिंह दरील, इंदर पाल सिंह सेहमी, एमएस नागी, रजिंदर सिंह धजाल, सुरिंदर सिंह अहलूवालिया एवं गुरुपर्व कमेटी ने सराहनीय भूमिका रही।