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पाटन थाने को चला रहा आरक्षक रविकांत

बैच नंबर 2580 का सिपाही पूर्व में लाइन हाजिर होने के बाद उसी थाने में आमद देकर कर रहा थाना क्षेत्र से अवैध वसूली

निष्पक्ष जांच हुई तो गोल्ड,बेनामी संपत्ति एवं कैश का हो सकता है बड़ा खुलासा

पाटन/जबलपुर दर्पण। जानकार बताते है कि पाटन थाने को सिपाही रविकांत दुबे ही चला रहा है,इसी के पास थाना क्षेत्र में अवैध व्यापार एवं अन्य अनैतिक गतिविधियों में लिप्त लोगों की सूची है और उनसे यही पुलिस कर्मी अवैध वसूली करके खुद एवं अपने आका तक वसूली गई अवैध राशि उन तक पहुंचता है यही वजह है कि वर्तमान थाना प्रभारी उसको हर मुश्किल समय में उसकी ढाल बनकर उसको हर मुसीबत से बचाने की भरपूर कोशिश करते हुए दिख जाते है।

ये है मामला – पाटन थाने में वर्ष 20-21 में बैच नंबर 2580,आरक्षक रविकांत दुबे पदस्य हुआ और नगर एवं ग्रामीण इलाकों के सभी दलों के जनप्रतिनिधियों और रेत,मुरूम का अवैध उत्खन एवं अनैतिक गतिविधियों में लिप्त लोगों से अपनी नजदीकियां बढ़ाई और पूरे पाटन थाना क्षेत्र की आवो हवा में घुल मिल गया और देखते ही देखते पूरा पाटन थाना अपनी उंगली पर चलाने वाला किंग मेकर बन गया,थाना प्रभारी को छोड़कर 90 प्रतिशत पुलिस स्टाप इसकी कार गुजरियों से परेशान है लेकिन थाना प्रभारी के दखल की वजह से कोई कुछ भी कहने से बचता है इसकी वजह उन सभी को अपनी नौकरी उसी थाने में करना बताया जा रहा है। कई बार पाटन थाने में पदस्य ईमानदार पुलिस सिपाही अवैध रेत,मुरम के हाइवा डंफर,अवैध शराब,गांजा,सट्टा पट्टी लिखने वालों को पकड़ते है लेकिन रविकांत उसे तुरंत थाना प्रभारी से बोलकर आरोपियों से पैसे का लेनदेन करके छुड़वा देता है। जब भी थाना क्षेत्र में क्राइम ब्रांच की टीम आती है तो यह पहले ही कॉल या मोबाइल संदेश भेजकर उन सभी को आगाह कर देता है जिसकी वजह से क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को खाली हाथ पाटन थाना क्षेत्र से लौटना पड़ता है। सूत्र बताते है कि वर्ष 2022 में पाटन थानांतर्गत किसी गंभीर मामले में पीड़ित एवं आरोपी पक्ष के लोगों को बिना वजह परेशान करने और मोटी रकम की डिमांड करने पर इसकी शिकायत हुई थी और इसे पाटन थाने से लाइन हाजिर किया गया था,लेकिन पूर्व थाना प्रभारी की मेहरबानी और अपने ऊंचे रसूख की वजह से नियम विरुद्ध तरीके से पुनःपाटन थाने में पदस्य हो गया जबकि गृह विभाग के नियम अनुसार जिस थाने से पुलिस कर्मी लाइन हाजिर होता है उसी थाने में दुबारा उसकी पोस्टिंग नहीं की जा सकती है,लेकिन रविकांत दुबे के मामले में विभाग के नियम को शिथिल करके पुनःपाटन थाने में आमद हो गई। सूत्रःबताते है कि पूर्व थाना प्रभारी एवं रविकांत ने इन वर्षों में पाटन थाना क्षेत्र से बेहिसाब काली कमाई की,जबकि कट पिट के इसके हाथ में लगभग 40 हजार रुपए ही मिलते है लेकिन इसकी रहीसी और शौक देखकर ऐसा प्रतीत ही नहीं होता कि इसकी तन्खाह 40 हजार रुपए मिलती होगी। वही वर्ष 22,23 में एक साथ दो महंगी कारे खरीदी गई थी जिसमें एक कार पूर्व थाना प्रभारी और एक कार रविकांत ने खरीदी और तर्क दिया कि यह कार मेरे पिता ने मुझे गिफ्ट की है जबकि सरकारी नौकरी पेशा वाला,अपने पैरों पर खड़ा पुत्रःही अपने माता पिता को कोई महंगी चीज खरीदकर गिफ्ट करता है लेकिन कानूनी उलझनो से बचने के लिए इन जैसे भ्रष्ट पुलिस कर्मी ने उलटी गंगा बहा दी और 16-17 लाख रुपए कीमत वाली कार को अपनी काली कमाई से खरीद कर अपने पिता के द्वारा गिफ्ट देना बता दिया। सूत्र बता रहे है कि थाना प्रभारी नवल आर्य अपने करीबी सिपाही रविकांत दुबे को शहपुरा थाने एवं प्रकाश सिंह को नुनसर चौकी में स्थानांतरण कराके पुनःपाटन थाने में अटैच करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है जिससे पाटन थाना क्षेत्र में अवैध वसूली का सिलसिला अपने विश्वासपात्र सिपाहियों के सहयोग से निरंतर चलता रहे। रविकांत दुबे के अवैध वसूली के शिकार हुए नगर एवं ग्रामीण इलाकों के पीड़ित बताते हैं कि यदि पुलिस अधीक्षक महोदय रविकांत दुबे के मामले में निष्पक्ष जांच करवाते हैं तो धनकुबेर आरक्षक के पास बेनामी संपत्ति सहित गोल्ड,कैश एवं महंगी गाड़िया मिलने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। अब देखना होगा पाटन थाने से इन जैसे भ्रष्ट सिपाहियों की जिले से बाहर की रवानगी कब तक होती हैं या फिर जिम्मेदारों की मेहरबानी के चलते पाटन पुलिस एसडीओपी के क्षेत्राधिकार वाले थाना में पदस्य कराकर पुनःपाटन थाने में अटैच करके यूंही अवैध वसूली का सिलसिला थाना क्षेत्र में निरंतर चलता रहेगा।

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